kgbv :भावनात्मक संतुलन है खुशियों का आधार : डीपीओ

Emotional balance is the basis of happiness: DPO

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2024 12:16 AM
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समस्तीपुर : अब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राएं भावात्मक समुत्थान के कौशल सीखेंगे. शहर की तिरहुत एकेडमी के सभागार में बीइपी के निर्देश पर सभी केजीबीवी के वार्डन को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान केजीबीवी की वर्ग 6,7 व 8 कई छात्राओं को भावात्मक समुत्थान के कौशल व गर्ल्स फर्स्ट से जुड़ी जानकारी देने के लिए वार्डन को प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने कहा कि आज की जटिल जीवन स्थितियों में खुशी और कामयाबी हासिल करने के लिए व्यक्ति का केवल मेहनती और बुद्धिमान होना ही काफी नहीं, बल्कि इसके लिए भावनात्मक परिपक्वता भी बहुत जरूरी है. जीवन में सफल होने के लिए केवल मेहनत करके तकनीकी कौशल सीखना और जानकारियां हासिल करना ही काफी नहीं, बल्कि इंसान को अपनी भावनाओं के बीच संतुलन स्थापित करना भी आना चाहिए. बौद्धिक रूप से कोई भी इंसान चाहे कितना ही सक्षम क्यों न हो लेकिन भावनात्मक परिपक्वता के अभाव में वह असफल हो सकता है. स्कूलों में नामांकित बच्चे जब किशोरावस्था में पहुंचते हैं तो उनमें शारीरिक एवं भावनात्मक परिवर्तन की ज्वाला उठती है. यह वह आयु होती है जब बच्चे इसे बीमारी का भी नाम दे देते हैं. लेकिन किसी को बताते नहीं. ऐसे में सहज एवं असहज स्पर्श, लिंग और इनसे जुड़े मुद्दे का विस्तारपूर्वक ज्ञान उन्हें देना जरूरी हो जाता है. इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षक बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें तभी वह उनकी समस्या से अवगत हो सकेंगे और उनके अंदर उठने वाली जिज्ञासा को शांत कर सकेंगे. वर्ल्ड विइंग इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि निवेदिता ने कहा कि बच्चों के चारित्रिक गुण, भावनाओं की पहचान, कठिन भावनाएं एवं उनका प्रबंधन, चेतनावस्था, लक्ष्य निर्धारण एवं अपने लक्ष्य तक पहुंचने का कौशल सिखाना मुख्य उद्देश्य है. इस कार्यक्रम के तहत बच्चों में प्रेम करुणा और क्षमा के सार्वभौमिक सिद्धांतों एवं मानव शक्तियों की पहचान कराना भी शिक्षकों का दायित्व होगा. इससे बच्चे अपने अंदर की क्षमताओं की पहचान कर अपने लक्ष्य तक पहुंचने को प्रेरित होंगे. इससे बच्चे अपने समक्ष उत्पन्न होने वाली चुनौतियों, कठिनाइयों, परेशानियों से बाहर निकल कर कुछ नया सीख सकेंगे एवं अर्थ पूर्ण जीवन बीता सकेंगे. मौके पर शबान, एपीओ रमेश कुमार आदि मौजूद थे.

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