छठी के सामाजिक विज्ञान से सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, गुप्त, पल्लव, चालुक्य को एनसीइआरटी ने हटाया
अब स्कूलों में छठी कक्षा के छात्र हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता को पढ़ेंगे. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने छठी कक्षा के लिए सामाजिक विज्ञान की किताब को कुछ बदलावों के साथ तैयार किया है.
इस पुस्तक में जाति आधारित भेदभाव और असमानता का भी जिक्र नहीं बीआर आंबेडकर से जुड़े जाति आधारित भेदभाव के सेक्शन को भी हटाया पुस्तक में महाभारत-पुराण का जिक्र के साथ वेदों को जोड़ा गया इस पुस्तक में बच्चों को थ्योरी संग विजुअल देख टॉपिक समझने में आसानी होगी समस्तीपुर : अब स्कूलों में छठी कक्षा के छात्र हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता को पढ़ेंगे. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने छठी कक्षा के लिए सामाजिक विज्ञान की किताब को कुछ बदलावों के साथ तैयार किया है. इसमें हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता शब्द का जिक्र किया गया है. वहीं नई किताब में जाति शब्द का सिर्फ एक बार जिक्र है. जाति आधारित भेदभाव और असमानता का भी जिक्र नहीं है. बीआर आंबेडकर से जुड़े जाति आधारित भेदभाव के सेक्शन को भी हटा दिया गया है. एनसीईआरटी की छठी कक्षा की इस पुस्तक में भूगोल वाले हिस्से से हिमालय के संदर्भ में कालिदास की रचना कुमार संभव का जिक्र किया गया है. किताब में बच्चों को यह पढ़ने को मिलेगा कि भारत की अपनी एक प्रधान मध्याह् रेखा थी, जिसे उज्जैनी प्रधान मध्याह्न रेखा कहा जाता था. यह पुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के तहत तैयार की गई पहली सामाजिक विज्ञान की पुस्तक है, जिसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में पढ़ाया जायेगा. पहले सामाजिक विज्ञान के लिए इतिहास, राजनीति विज्ञान और भूगोल के लिए अलग-अलग पाठ्यपुस्तकें थी. अब सामाजिक विज्ञान के लिए एक ही पाठ्य पुस्तक है, जिसे पांच खंडों में विभाजित किया गया है पुरानी इतिहास की किताब में सरस्वती नदी का जिक्र सिर्फ एक बार ऋगवेद के एक खंड में किया गया था. उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के एचएम सौरभ कुमार ने बताया कि एनसीईआरटी की छठी कक्षा में समाज विज्ञान की किताब, एक्सप्लोरिंग सोसायटी इंडिया एंड बियॉन्ड है. इसमें 14 अध्याय हैं. इसे बच्चों को जरूरी जानकारी देने के लिए संक्षिप्त तरीके से तैयार किया गया है. इसमें केवल कोर कॉन्सेप्ट है. मालूम हो कि स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2023 के तहत एनसीईआरटी ने नया पाठ्यक्रम तैयार किया है. किताब कुल पांच थीम पर है. पहले में महासागर और महाद्वीप और स्थल रूप और जीवन, दूसरे और तीसरे में अतीत और हमारी सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान परंपरा, चौथे में समयरेखा और इतिहास का स्रोत व भारत शब्द की उत्पत्ति, पांचवें में जमीनी स्तर का लोकतंत्र पर अध्याय है. इसमें ऑनलाइन पीडीएफ भी उपलब्ध है. एनसीईआरटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन पीडीएफ भी पढ़ सकते हैं. ncertbooks.ncert.gov .in पर जाना होगा. व्यू एंड डाउनलोड ई- बुक्स फ्री पर क्लिक कर कक्षा, विषय और बुक टाइटल चुनें. पूरे बुक का पीडीएफ छात्र डाउनलोड कर सकेंगे. इस पुस्तक में ज्यादातर नक्शा, ग्राफिक्स और तस्वीरों का इस्तेमाल हुआ है. इससे बच्चों को थ्योरी संग विजुअल्स देख टॉपिक्स समझने में आसानी होगी. नई किताब में प्राचीन साम्राज्यों को कम किया गया. अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, गुप्त, पल्लव, चालुक्य और कालिदास की रचनाओं जैसे साम्राज्यों का विवरण देने वाले चार अध्याय हटाये गये. वहीं महाभारत-पुराण का जिक्र के साथ वेदों को जोड़ा गया. गौरतलब है कि 2014 के बाद से एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में ये चौथी बार संशोधन हुआ है. इससे पहले 2017 में एनसीईआरटी ने ‘हाल की घटनाओं को प्रतिबिंबित करने की जरूरत’ का हवाला देते हुए पाठ्यक्रम संशोधित किया था. 2018 में संस्था ने ‘पाठ्यक्रम के बोझ’ को कम करने के लिए संशोधन शुरू किया था और फिर तीन साल से भी कम समय के बाद छात्रों को कोविड-19 के कारण सीखने में आई रुकावटों से उबरने में मदद करने का हवाला देते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए थे. एनसीईआरटी ने पिछले साल मई महीने में कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान की किताब से ‘एक अलग सिख राष्ट्र’ और ‘खालिस्तान’ के संदर्भों को हटाने की घोषणा की थी. इससे पहले एनसीईआरटी ने पाठ्यपुस्तकों से कुछ हिस्सों को हटाने को लेकर विवाद के बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के लोकप्रिय किसान आंदोलन से संबंधित हिस्से को भी हटा दिया था.
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