रबी कर्मशाला में कृृषि यांत्रिकीकरण पर दिया गया जोर

प्रखंड परिसर स्थित ई किसान भवन में प्रखण्ड स्तरीय रबी महाभियान सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2024 10:15 PM

ताजपुर : प्रखंड परिसर स्थित ई किसान भवन में प्रखण्ड स्तरीय रबी महाभियान सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रखंड प्रमुख पूनम देवी व बीडीओ ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर रबी महाभियान कार्यक्रम का उद्घाटन किया. श्री शुक्ला ने कार्यक्रम के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि इस महाभियान कार्यक्रम को वर्ष में दो बार मनाया जाता है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि विभाग की योजनाओं को किसानों को अवगत कराना और इसके साथ-साथ कृषि की नई तकनीक को कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों के साथ साझा करना होता है. कृषि समन्वयक सह नोडल सुभाष चंद्र ने रबी सत्र में विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. कहा कि रबी सत्र का बीज वितरण कार्यक्रम अंतिम चरण पर है. जिन किसान भाइयों को कृषि विभाग के द्वारा बीच प्राप्त करना है, वे ऑनलाइन आवेदन कर बीज प्राप्त कर सकते हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में अगर आगे जाना है, तो कृषि तकनीक का समावेश खेती में करने की जरूरत है. जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकते हैं. इसके साथ-साथ कृषि विभाग की ओर से योजनाएं संचालित हैं, उसकी भी जानकारी लेकर योजनाओं का लाभ किसान को लेने की जरूरत है. प्रखंड प्रमुख पूनम देवी ने कहा कि किसानों को मुख्य रूप से कृषि विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों से संपर्क स्थापित कर सरकार के द्वारा किसान कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर आगे बढ़ाने की जरूरत है. डॉ विनिता कश्यप कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली ने खेती में कृषि यंत्रों के समावेश पर जोर दिया. आधुनिकता के दौर में मजदूरों के पलायन को देखते हुए किसानों को कृषि यंत्रों की तरफ रख करने की जरूरत है. कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा नित नये कृषि यंत्र का आविष्कार किया जा रहा है जैसे अभी गेहूं का बुआई का समय है, किसान गेहूं की बुआई जीरो टिलेज मशीन से करके कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. प्रखंड तकनीकी प्रबंधक रंजीत कुमार रंजन ने बताया कि आत्मा के द्वारा किसानों को निःशुल्क जिला के अंदर, राज्य के अंदर, राज्य के बाहर प्रशिक्षण एवं परिभ्रमण कराया जाता है. जिससे किसानों का बौद्धिक विकास होता है. अगर किसानों को किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त करना है, तो वह अपने किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, एटीएम, बीटीएम से संपर्क स्थापित कर सकते हैं. माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र कुमार ने कृषि वैज्ञानिकों से डीएपी उर्वरक के विकल्प के बारे में अपनी बात को रखा. सहायक तकनीकी प्रबंधक मारुत नंदन शुक्ला ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी अतिथियों का माला पौधा और फूलगोभी देकर कार्यक्रम में स्वागत किया. मौके पर उप प्रमुख प्रतिनिधि नवीन कुमार, मुखिया विश्वनाथ सिंह राकेश, धर्मेन्द्र कुमार, राजीव कुमार, विनय कुमार बबलू, पवन यादव, रंजीत सिंह, विष्णुदेव प्रसाद सिंह आदि मौजूद थे.

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