समस्तीपुर : सेवा निवृत सरकारी सेवकों को संविदा पर नियोजन व संविदा विस्तार के लिए गलत प्रस्ताव देने वाले कर्मी निलंबित होंगे. जिलाधिकारी ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को उक्त कर्मी के निलंबन का आदेश दिया है. कर्मी से 1 अप्रैल 2024 को स्पष्टीकरण पूछा गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया है. जिलाधिकारी ने कहा है कि कर्मी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करते हुये प्रपत्र क गठित कर उन्हें सूचित करें. सिविल सर्जन कार्यालय से पत्रांक 639 एवं पत्रांक 640 के जरिये 19 फरवरी 2024 को संविदा लिपिक रामनंदन रजक और रमेश प्रसाद के सेवा विस्तार के लिये प्रस्ताव जिला स्थापना को भेजा गया था. इसके अलावा पत्रांक 4283 के जरिये 29 दिसंबर 2023 के द्वारा फार्मासिस्ट जनार्दन सिंह का पत्रांक 4291 के जरिये 29 दिसंबर 2023 के द्वारा एएनएम किरण कुमारी का पत्रांक 398 के जरिये 30 जनवरी 2024 के द्वारा एएनएम इंद्रा कुमारी का पत्रांक 399 के जरिये 30 जनवरी 2024 के जरिये इंद्रासन कुमारी का संविदा नियोजन के लिये अनुशंसा के साथ अनुरोध किया गया था. इस संबंध विस्तृत जांच करायी गयी. जांच में पाया गया कि निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य निदेशालय के पत्रांक 353 (6) के अनुसार एएनएम का पद राज्य स्तरीय होने के कारण जिला स्तरीय गठित समिति में विचार योग्य नहीं है. विभागीय निर्देश की अवहेलना करते हुये संविदा नियोजन व विस्तार के लिये प्रस्ताव भेजा गया था. इस प्रस्ताव को तैयार करने में संलिप्त कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी. जवाब के बाद जिलाधिकारी के द्वारा यह कार्रवाई की गयी है. एएनएम सहित 16 कर्मियों का हो चुका है सेवा विस्तार व नियोजन रद्द
इस मामले में पूर्व में एएनएम सहित स्वास्थ्य विभाग के 16 संविदा कर्मियों का नियोजन व सेवा विस्तार को रद्द किया जा चुका है. जिला चयन समिति के द्वारा 15 मार्च को हुई बैठक में इन कर्मियों का नियोजन व सेवा विस्तार किया गया था. गलत ढंग से संविदा विस्तार व नियोजन की शिकायत के बाद जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आपदा एडीएम राजेश कुमार सिंह से परिवाद के आलोक में जांच करायी. जांच में जिला चयन समिति के द्वारा एनएनएम सहित कई स्वास्थ्य कर्मियों के नियोजन व सेवा विस्तार को अवैध बताया गया था. उसके बाद जिलाधिकारी के द्वारा सिविल सर्जन सहित कई कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा गया था. अपने को कार्रवाई की जद में फंसते देख सिविल सर्जन से जिलाधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए चिकित्सा कर्मी रमेश प्रसाद और रामनंदन रजक की सेवा अवधि विस्तार को रद्द कर दिया था. उसके बाद इस मामले में जिला चयन समिति ने एएनएम सहित 16 स्वास्थ्यकर्मियों के नियोजन व सेवा विस्तार को अवैध पाते हुये जिला चयन समिति की बैठक की पूर्व की कार्यवाही में संशोधन करते हुये इस सबों का नियोजन व सेवा विस्तार को रद्द कर दिया था. एएनएम किरण कुमारी, इंदिरा कुमारी तथा इंद्रासन कुमारी का संविदा नियोजन निदेशक प्रमुख के पत्र के आलोक में रद्द किया गया है. फार्मासिस्ट जर्नादन प्रसाद का संविदा नियोजन राज्यस्तरीय पद होने के कारण रद्द किया गया है. वहीं संविदा एएनएम कुमारी नीलम, विभा कुमारी, कुमारी पूनम, सुबाला कुमारी, देव कुमारी, वीणा कुमारी, संयुक्ता कुमारी, मीना कुमारी, कुमारी अमर बहन का संविदा अवधि विस्तार निदेश प्रमुख के पत्र के आलोक में रद्द किया गया है. संविदा फार्मासिस्ट अनिल कुमार का संविदा विस्तार राज्य स्तरीय पद होने के कारण किया गया है. वहीं संविदा लिपिक रमेश प्रसाद और रामनंदन रजक का संविदा विस्तार सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प के आलोक में रद्द किया गया है. चयन समिति की बैठक की कार्यवाही में हुई त्रुटि के संबंध में जिन संबंधितों से स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी. उनके खिलाफ प्राप्त स्पष्टीकरण के आलोक में कार्रवाई की बात कही गयी थी. विदित हो इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने सहायक प्रशासी पदाधिकारी नौशाद अहमद, प्रधान लिपिक राम सेवक महतो, उच्च वर्गीय लिपिक अभिषेक कुमार, निम्न वर्गीय लिपिक स्थापना अभिषेक कुमार सिंह तथा सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण पूछा था.
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