समस्तीपुर : नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत छह से 14 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चों का स्कूल में नामांकन अनिवार्य कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) और प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया है कि वे अपने पोषक क्षेत्र में छह से 14 वर्ष के अनामांकित बच्चों की सूची तैयार करें और बच्चों का नामांकन उम्र के हिसाब से कक्षा में हो. बीईओ और प्रधानाध्यापक इसमें अपने क्षेत्र के मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, टोला सेवक, शिक्षा सेवक, विकास मित्र का सहयोग लेंगे. इनकी मदद से यह पता करने की कोशिश करेंगे कि किस गांव और टोला में छह से 14 आयु के बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हैं. बीईओ की यह जिम्मेवारी होगी कि सभी से समन्वय स्थापित कर यह कार्य करना सुनिश्चित करें. विद्यालय स्तर पर नामांकन अभियान चलाया जाये. जिले के सरकारी स्कूलों में नये सत्र में कक्षा एक से आठवीं तक में नामांकन लेने वाले बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है. नए सत्र में जिन विद्यार्थियों ने नामांकन करा लिया है, उनको 30 जून तक आधार नंबर जमा करना होगा. स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजी की संख्या के अनुसार सभी बच्चों का आधार कार्ड होना अनिवार्य है. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को सभी बच्चों के आधार नंबर उपस्थिति पंजी में दर्ज रोल नंबर के साथ लिंक करने का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि नया नामांकन कराने वाले सभी विद्यार्थियों का आधार नंबर होना अनिवार्य है. जिन विद्यार्थियों ने पहले नामांकन लिया है, उनसे आधार नंबर जमा करने का शपथ पत्र लिया गया है. आधार नंबर के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में मिल सकेगा. डीईओ ने कहा कि नामांकन के क्रम में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे. सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक की होगी. प्रत्येक नामांकित बच्चे की नियमित उपस्थिति हो. यदि किसी कारणवश बच्चा नियमित रूप से विद्यालय नहीं आता है तो उनका नाम नामांकन पंजी से नहीं हटाया जाए. पंजी से बच्चों का नाम हटाने से पूर्व बीईओ से अनुमति लेना आवश्यक है. कोई बच्चा तीन दिन स्कूल नहीं आता है उसके अभिभावक से संपर्क कर इसका कारण जानने की कोशिश करें. जिले के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों के पहली से पांचवीं तक के शिक्षकों को व्यवसायिक विकास से संबंधित छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य शिक्षा एवं शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में किया जायेगा. सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों के लिए सतत व्यावसायिक विकास (सीपीओ) योजना के तहत छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है. इस तरह का प्रशिक्षण पिछले साल भी शिक्षकों को दिया जा चुका है. इसके बाद फिर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ) के लिए कक्षा एक से पांच के शिक्षकों को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश एससीईआरटी ने डीईओ को दिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है