आमलोगों के साथ चापाकलों के भी सूखने लगे हलक
करीब महीने भर से जारी तपती धूप अब लोगों के जनजीवन पर असर डाल रही है. पारा जैसे ही 40 पार उछाल मारने लगा तो लोगों के पांव में बेड़ियां सी जकड़ गयी.
समस्तीपुर : करीब महीने भर से जारी तपती धूप अब लोगों के जनजीवन पर असर डाल रही है. पारा जैसे ही 40 पार उछाल मारने लगा तो लोगों के पांव में बेड़ियां सी जकड़ गयी. आमलोग सुबह 8 बजे के बाद घर से बाहर कदम रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. जैसे-जैसे दिन चढ़ता है सूरज के किरणों का तीखापन लोगों के बदन को झुलसाने लगती है. ऐसे में लोग घरों में ही खुद को कैद रखना मुनासिब समझ रहे हैं. इस पर रही-सही कसर पछुआ हवा के थपेड़े पूरी करने में जुटी रहती है. घरों में भी लोगों को सुकून नहीं मिल पाता है. पंखे की हवा भी छत से आग ही उगलती रहती है. ऐसे में पूरी तरह से लोग बेचैन हो रहे हैं. पछुआ हवा के कारण लोगों के हलक भी सूख रहे हैं. ऐसे में जब लोग हिम्मत कर ताजा पानी की चाहत में चापाकलों पर पहुंचते हैं तो पता चलता है कि जलस्तर गिरने के कारण वह भी पानी उगलने से मना करने लगे हैं. ऐसे में लोगों को पेयजल संकट से भी दो-चार होना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब व गड्ढों का पानी तेजी से सूख रहा है. ऐसे में पशुपालक किसानों को भी जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. वैसे मौसम के मिजाज पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि जारी मौसम आने वाले दिनों में अच्छी वर्षा के संकेत हो सकते हैं. जिससे खरीफ धान समेत अन्य फसलों को फायदा होगा. परंतु फिलवक्त मौसम के मिजाज को देखने से पता चलता है कि इससे निजात मिलने की दूर-दूर तक कोई संभावना प्रतीत नहीं है.जारी मौसम के प्रकोप से बचने के लिए लोग गन्ना व फलों के जूस की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. ताकि उनकी सेहत पर तीखी धूप का असर न हो. जिसका सीधा असर फलों की कीमतों पर दिख रहा है. खासकर गन्ना, संतरा, सेब, ककरी, खीरा आदि फलों की कीमत में काफी उछाल आया है.तीखी धूप व पछुआ हवा के कारण लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं. इसके कारण बाजार में दिनभर सन्नाटा सा पसरा रहता है. इससे व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. खासकर ऑटो चालकों व दैनिक मजदूरों की स्थिति लचर होती जा रही है.
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