समस्तीपुर.गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में जल संकट गहराने लगा है. सिस्टम से लेकर आम आदमी तक भूमिगत के संरक्षण व उसके दोहन में कमी लाने के लिये संजीदगी नहीं दिखा रहा है. अगर भूमिगत जल का दोहन की यही स्थिति बनी रहती तो आने वाले समय भीषण जल संकट की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अभी ही कई प्रखंडों में पेजयल की समस्या उत्पन्न हो गयी है. लोगों को पानी के लिये आंदोलन व सड़क पर उतरना पड़ रहा है. जिले में मार्च के अंतिम सप्ताह से ही भूमिगत जल की स्थिति गड़बड़ाने लगी थी.लोगों को पेयजल की चिंता सताने लगी थी. जिले का औसत जलस्तर 20 फीट 9 इंच है. उजियारपुर प्रखंड का जलस्तर मार्च में सबसे नीचे खिसक चुका था. यहां का जलस्तर 26 फीट 4 इंच था. इधर, पूसा का जल स्तर पर काफी नीचे जा चुका था, यहां जलस्तर 26 फीट 1 इंच था. उसके बाद से भूमिगत जलस्तर की स्थिति और अधिक बिगड़ने लगी है. भूमिगत जल का लेयर 22 फीट से नीचे जाने पर सामान्य चापाकल पानी देना बंद कर देता है. जिले की आबादी लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2023 की जनगणना की मुताबिक जिले की आबादी 57 लाख पार कर चुकी है. वहीं एक व्यक्ति द्वारा स्नान से लेकर दैनिक क्रिया क्रम में औसतन 145 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. इस हिसाब से जिले की जनसंख्या को देखते हुये हर दिन होने वाली पानी की खपत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके आलावा पशुओं, उद्योग के साथ सिंचाई के लिये भी भूमिगत जल का ही दोहन किया जाता है. वहीं भूमिगत जल का रिचार्ज इस हिसाब से नहीं हो पाता है. लोग भूमिगत के रिचार्ज के लिये संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं. सिर्फ वर्षा जल के भरोसे ही भूमिगत जल का रिचार्ज होता है. जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक जिले के ताजपुर प्रखंड में भूमिगत जल का बहुत अधिक दोहन दो रहा है. यहां भूमिगत जल का 108.4 प्रतिशत दोहन हो रहा है. इसी तरह दलसिंहसराय प्रखंड में भी भूमिगत जल के दोहन के की स्थिति क्रिटिकल है. यहां 98.7 भूमिगत जल का 98.17 प्रतिशत दोहन हो रहा है. जिले के पांच प्रखंडों में भूमिगत जल की स्थिति सेमी क्रिटिकल स्थिति में पहुंच गयी है. इन प्रखंडों में विभूतिपुर, कल्याणपुर, सरायरंजन, उजियारपुर तथा विद्यापतिनगर प्रखंड शामिल है. विभूतिपुर प्रखंड में भूमिगत जल का 77.10 प्रतिशत दोहन हो रहा है. कल्याणपुर प्रखंड में 72.30 प्रतिशत दोहन हो रहा है. सरायरंजन प्रखंड में 83.43 प्रतिशत दोहन हो रहा है. उजियारपुर में 73.45 प्रतिशत दोहन हो रहा है. विद्यापतिनगर प्रखंड में 75.80 प्रतिशत दोहन हो रहा है.सबसे कम 59.26 प्रतिशत दोहन वारिसनगर प्रखंड में हो रहा है.
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