कार्य में उपेक्षा बरतने वाली आधा दर्जन आशा से स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत आशा कार्यकर्ताओं को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
मोहिउद्दीननगर : मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत आशा कार्यकर्ताओं को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बिहार राज्य प्रणाली डिजिटलीकरण (भव्या) के लिए विकसित किया गया एम आशा एप का प्रशिक्षण शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में आशा कार्यकर्ताओं को मिला. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन को घर-घर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इस एप के माध्यम से ग्रामीणों को होने वाली बीमारियों सहित अन्य प्रकार की स्वास्थ्य और सुविधाओं को सीधे पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा. वहीं, विभागीय स्तर से सभी तरह की सेवाएं पेपर लेस करने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है.
कई प्रकार की गतिविधियों को इस डिजिटल एप से जोड़ा जा रहा है.
इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली जन्म- मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया सहित अन्य प्रकार की बीमारियों सहित कई प्रकार की गतिविधियों को इस डिजिटल एप से जोड़ा जा रहा है. ताकि ग्रामीण इलाकों के किसी भी तरह के कार्यों को समय सीमा के अंदर पूरा करने में आशा कार्यकर्ताओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो सके. इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षुओं को एप के तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रशिक्षक सह बीसीएम राहुल सत्यार्थी व यूनिसेफ के बीएमसी अजय कुमार सिंह ने दी. तदुपरांत स्वास्थ्य संबंधी सभी तरह के किये गये कार्य की गहन समीक्षा की गई. वहीं, कार्य में शिथिलता बरतने वाली आधा दर्जन आशा कार्यकर्ताओं को सख्त चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया. इस मौके पर संगीता भारती, रंजू कुमारी, मंजू देवी, अनिता कुमारी, ममता कुमारी, मीना देवी, प्रमिला देवी,मीना कुमारी, सुनयना कुमारी, सरोजनी देवी, नीलम देवी मौजूद थी.
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