मौसम की बेरुखी के बीच खरीफ फसलों की तैयारी में जुटे किसान
मौसम का मिजाज बेरुखी से भरा चल रहा है. इसका असर किसानों पर दिख रहा है. उम्मीदों के साथ गरमा सब्जी लगाने वाले किसानों के खेत सूख रहे हैं.
समस्तीपुर : मौसम का मिजाज बेरुखी से भरा चल रहा है. इसका असर किसानों पर दिख रहा है. उम्मीदों के साथ गरमा सब्जी लगाने वाले किसानों के खेत सूख रहे हैं. बोरिंग से पानी डाल कर किसान सब्जी के पौधों को बचाने में जुटे है. इससे उपज प्रभावित है. नतीजा लागत के अनुरूप लाभ नहीं मिल रहा है. इसका असर बाजार पर दिख रहा है. खाने की थाली महंगी हो रही है. लोग राहत के लिए सब्जी का विकल्प ढूंढ कर काम चला रहे हैं. वहीं राई-सरसो व गेहूं की कटनी के बाद किसानों ने खेतों की गहरी जुताई कर छोड़ दिया. ताकि बारिश होते ही इसमें धान लगाया जा सके. परंतु आफत यह है कि खरीफ धान का बीज गिराने के लिए मौसम अनुकूल नहीं हो रहा है. खेतों से धूल उड़ रही है. नमी की भारी कमी है. जिससे खरीफ धान लगाने वाले किसानों के उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. कल्याणपुर के किसान धीरज कुमार बताते हैं कि धान का बीज लाकर घर में रख दिया है. बारिश होने पर खेत में नमी होगी. लेकिन, जारी मौसम से पता चलता है कि अभी और इंतजार करना पड़ेगा. यदि विलंब से बीज गिराया गया तो रोपनी में देर होगी. जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा. इसी तरह वारिसनगर के किसान प्रमोद कुमार बताते हैं कि खेतों से उड़ती धूल उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. जबकि पूसा के किसान अरविंद कुमार बताते हैं कि अभी माॅनसून आने में देर है. आमतौर पर 15 जून को बिहार में माॅनसून प्रवेश करता है. इसमें अब महीने भर से कम वक्त बचा है. लेकिन प्री मानसून बारिश नहीं होने से खरीफ की बोआई पर असर पड़ रहा है. ताजपुर के किसान मुकुल कुमार बताते हैं कि हल्दी व ओल खेत में लगाया. लेकिन नमी के अभाव में अब तक पौधे नहीं निकले हैं. बावजूद किसान मौसम की बेरुखी के बीच तैयारियों में जुटे हैं. वैसे अभी ना उम्मीद होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि इस बार पूर्वानुमान में बताया जा रहा है कि मानसून बेहतर रहेगा. इस सब के बीच किसान आसमान की ओर नजरें टिकाये बैठै हैं ताकि वे धान का बीज समय पर गिरा कर बिचड़े तैयार कर सकें.
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