मधुबनी : अगस्त, 2020 की फोक एंड ट्राइबल आर्ट की नीलामी का परिणाम सामने आ गया है. सैफरन आर्ट की स्टोरी लिमिटेड के नो रिज़र्व ऑक्शन में मधुबनी शैली के कलाकार अविनाश कर्ण की पेंटिंग ‘नटराज’ पर 2.48 लाख की बोली लगी. वह जिले के रांटी गांव के रहनेवाले हैं.
इससे पहले इसी साल जून में दिवंगत मधुबनी कलाकार पद्मश्री सीता देवी की एक पेंटिंग ‘कदम का पेड़’ चार लाख छत्तीस हज़ार में बिकी थी. इसके साथ ही छह वर्षों में पहली बार मधुबनी पेंटिंग ने सबसे कीमती बिकने वाली लोक कला शैलियों में प्रथम पायदान हासिल किया था.
इससे पहले इस स्थान पर गोंड शैली का वर्चस्व रहा है. नीलामी में हिस्सा लेने वाली एवं दिल्ली स्थित गैलरी आर्ट्स ऑफ़ दि अर्थ की संस्थापिका मीणा वर्मा ने बताया कि पहले लोक कला के क्षेत्र में कोई भी ऑक्शन हाउस जोखिम लेने से डरते थे. नीलामी होती भी थी, तो उनमें पहले से स्थापित वरिष्ठ कलाकार को ही शामिल किया जाता था.
सैफरन आर्ट ने यह जोखिम लिया और उभरते युवा कलाकारों को भी इसमें शामिल किया .मधुबनी पेंटिंग्स को प्रदर्शित कर चुके अविनाश कर्ण ने बताया कि जब वे एमएफ हुसैन के चित्रों की नीलामी के बारे में सुना करते थे, तो सोचते थे कि मधुबनी पेंटिंग कि नीलामी क्यों नहीं होती. इस शैली को सौ-दो सौ रुपये में क्यों बेच दिया जाता है.
बाद में उन्होंने बीएचयू से कला की पढ़ाई करते वक्त जाना कि केवल मधुबनी पेंटिंग ही नहीं, बल्कि भारत की सभी कला शैलियों को ‘फोक आर्ट’ कह कर उसे क्राफ्ट बाजार में उतार दिया गया है. पिछले साल अप्रैल में उन्हें स्विटजरलैंड के एक अंतरराष्ट्रीय कला महोत्सव में आमंत्रित किया गया. वहां उन्होंने लोक कलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार पर दुनिया भर के कला प्रेमियों के बीच अपनी बात रखी थी.
posted by ashish jha