पूसा : कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली में बकरी-पालन विषय पर आधारित चार दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को शुरू हुई. प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एस कुंडू ने कहा कि बकरीपालन गरीब एवं सीमांत किसानों के लिए एक उचित लाभ का व्यवसाय है. उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल प्रशिक्षुओं से कहा कि यह एक ऐसा रोजगार है जो घर पर बैठे भी किया जा सकता है. जरूरत है वैज्ञानिक तकनीक से बकरीपालन करने की. अपने संबोधन में निदेशक प्रसार शिक्षा ने बकरीपालन किस प्रकार से किया जाये. जिससे उनको अधिकतम लाभ प्राप्त हो इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी. उसका प्रबंधन एवं विभिन्न प्रकार के नस्ल से जुड़ी चर्चा की. मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ आरके तिवारी ने बकरीपालन को गरीब किसानों के लिए एक वरदान बताया. उन्होंने कहा कि बकरीपालन कर किसान अपनी आजीविका में सुधार ला सकते हैं. इसको अगर वैज्ञानिक तरीके से पालन किया जाये तो इससे अधिकतम लाभ बकरीपलक किसान प्राप्त कर सकते हैं. पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मनीष कुमार ने बिहार सरकार एवं भारत सरकार के द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दिया. किसानों को उसका अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए प्रेरित किया. डॉ आरपी सिंह ने बेतिया जिला में किसानों के द्वारा किये जा रहे बकरीपालन के तरीके से जुड़ी जानकारी प्रशिक्षुओं को दी. संचालन अभिलाषा बिस्वाल ने किया.
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