The River Ganges मोहनपुर : गंगा नदी के तट के किसानों की चिंता फिर बढ़ रही है. जिस भदई फसल को यहां की किसान जुआ समझते रहे हैं, वह इस बार अधिक मुनाफा देते हुए दिखाई दे रही है. खेतों में फसल पकने के करीब है. लोग नयी फसल को घर तक लाने की उम्मीदों से भरे हुए हैं. उनके लिए घरों में जगह बनाई जा रही है. लेकिन इसी बीच गंगा नदी ने खतरे की घंटी बजा दी है. उसकी जलस्तर में फिर से वृद्धि देखी जा रही है. हालांकि, जल संसाधन विभाग की मुस्तैदी कम नहीं हुई है. जलस्तर को मापने का दैनिक सिलसिला जारी है और उच्चाधिकारियों को जलस्तर से संबंधित सूचना भी दे दी जा रही है. लेकिन, गंगा नदी के जलस्तर ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. बाढ़ की आशंका बलवती होने लगी है. फसलों को होने वाले नुकसान के प्रति लोग आशंकित दिखाई पड़ रहे हैं. क्षेत्र में इस बार अपेक्षित वर्षा नहीं हो पाई. इसके बावजूद फसलों की स्थिति अच्छी है. गंगा नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर हो गया है. मध्य विद्यालय सरारी में लगाए गए जल संसाधन विभाग के शिविर में तैनात कर्मियों ने बताया कि बाढ़ होने की संभावना नहीं है. फिर भी स्थानीय लोग यह बताते हैं कि गंगा नदी का जलस्तर अमूमन अनंत चतुर्दशी तक बढ़ता है. इसके बाद शांत हो जाता है. लेकिन अपने ही रिकॉर्ड को गंगा नदी ने अनेक बार तोड़ा है और बिना वर्ष तथा बिना मौसम के स्थानीय लोगों ने बाढ़ और कटाव की विभीषिका का झेली है.
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