Ganga is 50 cm above the red mark: मोहनपुर : कोसी नदी में हो रही जलस्तर वृद्धि से गंगा नदी के तटवर्ती प्रखंड मोहनपुर को फिलहाल कोई खतरा होता हुआ दिख नहीं रहा है. जिले के उत्तरवर्ती इलाकों में मौजूद छोटी-छोटी नदियों में पानी भरने का सिलसिला शुरू हो गया है. वहीं गंगा नदी में मामूली वृद्धि हो रही है. कोसी नदी के जलस्तर से गंगा नदी में बहुत प्रभाव होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. यह स्थानीय लोगों के लिए राहत की खबर है. हालांकि, गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. लेकिन, सोमवार को गंगा नदी खतरे के निशान से महज 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. रविवार को इसका जलस्तर खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर था. करीब 24 घंटे में मात्र 17 सेमी की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है. हालांकि प्रकृति की परंपरा के अनुसार बाढ़ का खतरा टल गया है. लेकिन, दो ढाई दशक पूर्व आश्विनी और कार्तिक महीने में गंगा नदी का प्रकोप झेलना पड़ा था. धरनीपट्टी पश्चिम पंचायत की हजारों आबादी वर्ष 2001 और 2002 में गंगा का कटाव झेल चुकी है. लोगों की गृह भूमि एवं कृषि भूमि छिन गई थी. बाढ़ के तुरंत बाद जलस्तर में कमी हुई थी. कम जलस्तर के बावजूद गंगा नदी का आवेग इतना भयानक था, कि स्थानीय आबादी ने अपना घर बार खो दिया. अभी तक उस नुकसान की भरपाई नहीं हुई है. देर से आई बाढ़ के बाद जलस्तर में हुई कमी ने कटाव की आशंका खड़ी कर दी है. लेकिन जल संसाधन विभाग और स्थानीय प्रशासन चुस्त दुरुस्त दिखाई पड़ रहे हैं. अभी भी गंगा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में सैकडों क्यूसेक पानी पचाने की क्षमता है. कोसी नदी कुरसेला में गंगा नदी से मिलती है. हालांकि, गंगा नदी का जलस्तर तीन दिन पूर्व घट रहा था. उसके बाद कोसी नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि का असर दिखाई पड़ने लगा है. लेकिन, यह मामूली है. अभी चिंतित होने की जरूरत नहीं.
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