टोटो तले दबने से छात्रा की मौत, ग्रामीणों ने किया सड़क जाम

घटहो थाना क्षेत्र के मनीयारपुर पुलिया के पास शनिवार की शाम स्कूल से घर लौट रही एक छात्रा की टोटो तले दबने से मौत हो गई.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2024 11:07 PM

विद्यापतिनगर. घटहो थाना क्षेत्र के मनीयारपुर पुलिया के पास शनिवार की शाम स्कूल से घर लौट रही एक छात्रा की टोटो तले दबने से मौत हो गई. मृतक छात्रा की पहचान मनियारपुर पंचायत के वार्ड संख्या 7 निवासी रामबाबू सहनी की पुत्री साक्षी कुमारी (7) के रूप में की गई. घटना के संबंध में बताया जाता है कि छात्रा अपने स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौट रही थी. तभी मनियारपुर पुलिया के पास पीछे से तेज गति से आ रही एक टोटो अनियंत्रित होकर छात्रा के ऊपर पलट गई. जिससे छात्रा गंभीर रूप से जख्मी हो गई. इलाज के लिए उसे अनुमंडलीय अस्पताल दलसिंहसराय में भर्ती कराया गया. जहां बेहतर इलाज के लिए चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया. वहीं रास्ते में छात्रा ने दम तोड़ दिया. गाड़ी छोड़कर टोटो चालक फरार हो गया. घटना के बाद ग्रामीणों ने टोटो को पुलिस को हवाले कर दिया. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यापतिनगर- सरायरंजन मुख्य सड़क को मनियारपुर चौक के समीप जाम कर मुआवजे की मांग पर अड़े थे. समाचार प्रेषण तक सड़क जाम जारी था.

छठी से 10वीं के विद्यार्थियों के लिए आइडिया प्रतियोगिता 12 अगस्त को

समस्तीपुर : छठी से 10वीं के विद्यार्थियों के लिए आइडिया प्रतियोगिता 12 अगस्त को होगी. आयोजन मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में गठित विज्ञान और गणित क्लब की ओर से स्कूलों में होगा. इस बाबत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से आदेश जारी किया गया है. बच्चों के बीच विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने, स्थानीय समस्याओं की पहचान कर उसके समाधान के लिए नवाचारी आइडिया विकसित करने आदि के लिए यह आयोजन होगा. विद्यार्थियों को स्थानीय समस्या मसलन जलजमाव, जलस्तर, जाम आदि समस्याओं के समाधान पर नवाचारी आइडिया की प्रस्तुति देनी होगी. हर स्कूल से बेहतरीन पांच आइडिया संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक चयनित करेंगे. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि विज्ञान और मानव का आदिकाल से संबंध रहा है. जब से पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है, तब से नित नए अन्वेषण और अनुसंधान हो रहे हैं. वैज्ञानिक सोच ही राष्ट्र के विकास का आधार होती है. ऐसी सोच को छात्रों में विकसित करना एक विज्ञान शिक्षक का मूल कर्तव्य है. बच्चे में अपने आसपास की दुनिया (प्राकृतिक वातावरण, शिल्प तथ्यों एवं लोगों ) के प्रति उत्सुकता को परिपोषित करना, उसे खोजी कार्यो की ओर अग्रसर करने के साथ-साथ उनको ऐसे कार्यकलापों में संलग्न करना, जो अवलोकन, वर्गीकरण, निष्कर्ष आदि के द्वारा मूलभूत संज्ञानात्मक क्षमताएं, मन:प्रेरक कौशल, तर्कशीलता आदि गुणों के विकास में सहायक होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण मूलत: एक ऐसी मनोवृत्ति या सोच है जिसका मूल आधार किसी भी घटना की पृष्ठभूमि में उपस्थित कार्य-करण को जानने की प्रवृत्ति है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारे अंदर अन्वेषण की प्रवृत्ति विकसित करती है तथा विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करती है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण की शर्त है बिना किसी प्रमाण के किसी भी बात पर विश्वास न करना या उपस्थित प्रमाण के अनुसार ही किसी बात पर विश्वास करना.

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