गुरु नानक के विचार आज भी प्रासंगिक : प्रो दिवाकर

स्थानीय यूआर कॉलेज के सभागार में शनिवार को बिहार समाज विज्ञान अकादमी पटना, डीबीकेएन कॉलेज नरहन एवं यूआर कॉलेज रोसड़ा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 10:40 PM

रोसड़ा: स्थानीय यूआर कॉलेज के सभागार में शनिवार को बिहार समाज विज्ञान अकादमी पटना, डीबीकेएन कॉलेज नरहन एवं यूआर कॉलेज रोसड़ा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें गुरु नानक के विचारों के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विस्तृत चर्चा की गई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एएन सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के पूर्व निदेशक प्रो डीएम दिवाकर ने संबोधित करते हुए समाज में विज्ञान अकादमी द्वारा शोध किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि कला हो या सामाजिक विज्ञान इसमें आम जनों के लिए शोध होनी चाहिए. गुरु नानक के विचारों में समता और नैतिक मूल्यों की बात आज भी प्रासंगिक है. नानक के 555 वर्ष बाद भी उनके विचारों पर चलने की आवश्यकता है. नई शिक्षा नीति का सही से पुनर्मूल्यांकन कर कमियों को दूर करने की बात कही. इसके लिए युवा पीढ़ी को आगे आने पर बल दिया. विशिष्ट अतिथि ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ विश्वविद्यालय कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन पटना के महासचिव प्रो अरुण कुमार ने पूरे ब्रह्मांड और ईश्वर को एक बताया. कहा कि जातियों में लोगों को नहीं बटना चाहिए. शिक्षक वह है जो नैतिकता और विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं. गुरु नानक के विचारों को रखते हुए कहा कि वे हाशिए पर रहे व्यक्ति के उत्थान एवं शिक्षा के पक्ष में थे. तार्किक तरीके से गुरु नानक अपने विचारों को रखते थे. स्वतंत्रता, समानता और न्याय की बातें करते थे. विशिष्ट अतिथि डॉ अनिल कुमार राय ने संबोधित करते हुए कहा कि समय के अनुसार पुरानी शिक्षा नीति को बदलकर नई शिक्षा नीति लाई गई है. डीबीकेएन कॉलेज नरहन के प्रभारी प्राचार्य डॉ राकेश रंजन सिन्हा ने गुरु नानक के विचारों को विस्तार से रखा. स्वागत भाषण करते हुए यूआर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय ने कहा कि गुरु नानक देव जी मनुष्य को सही अर्थों में शिक्षित बनने की प्रेरणा देते हैं. उनकी शिक्षा की अवधारणा व्यावहारिक और समाज उपयोगी है. कहा कि वे स्वयं बेशक औपचारिक शिक्षा से निष्णात नहीं थे. परंतु व्यावहारिक जीवन तथा अपने समय की धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों से उन्हें बड़ी मूल्यवान जानकारियां प्राप्त हुई थी. कार्यक्रम में छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत गीत के माध्यम से किया. सभी अतिथियों को पाग,चादर एवं फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया. अध्यक्षता डॉ लाल बाबू यादव ने की. धन्यवाद ज्ञापन बर्सर डॉ विनय कुमार ने किया. संचालन डॉ अमरेश कुमार सिंह ने किया. मौके पर डॉ उमाशंकर शाह,डॉ संजय कुमार, प्रो प्रवीण कुमार प्रभंजन, डॉ कुस्तूरिका कानन, डॉ वीरेंद्र कुमार पासवान, डॉ संतोष कुमार राम, डॉ उमेश कुमार, डॉ प्रिंस विवेक, डॉ रोहित कुमार, डॉ सौरव कुमार झा, डॉ कुमार सौरव, डॉ बीके तिवारी, डॉ गौरी शंकर प्रसाद सिंह, डॉ उमर, राम बिहारी ठाकुर आदि उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version