चार पीढ़ियों तक रहे एक छत के नीचे, पांचवीं पीढ़ी में टूटा सद्भाव
यह खून का रिश्ता था जो एक दूसरे का खून का प्यासा हो गया.
मोहिउद्दीननगर. वह वक्त था, जब हेमनपुर के मातबर सिंह के पास फूस का घर था, छप्पर था, धन नहीं था लेकिन मन बड़ा था. आपस में बैठकर बोलने बतियाने में लोग जी भर किया करते थे. स्वाभिमान था, पर झूठा अभिमान नहीं था. बढ़ते धन ने ऐसी लीला रची कि लोगों का मन भी बढ़ता गया. स्वाभिमान की जगह अभिमान ने ले लिया. चार पीढ़ियां से एक साथ रहने वाले लोग झूठी और बेमतलब के दिखावे में इतने उग्र होते हुए चले गए कि पूर्वजों के बने हुए संस्कार को परे हटाते हुए एक दूसरे से लड़ने-मरने लगे. देखते-देखते संयुक्त परिवार एकल परिवार में बिखर गया. फूस के घरों की जगह पक्के घर जरूर बन गये लेकिन उनमें रहने वाले लोगों का हृदय कठोर होता गया. बीते डेढ़ दशक के दौरान पारिवारिक सदस्यों के बीच इतनी कड़ुआहट घोल दी कि दिलीप सिंह, विनय सिंह, नवीन कुमार सिंह व गौरव कुमार सिंह की हत्या के रूप में सामने आयी. ग्रामीण दो हत्याओं से हैं मर्माहत यह खून का रिश्ता था जो एक दूसरे का खून का प्यासा हो गया. ग्रामीण नवीन कुमार सिंह व गौरव कुमार सिंह की शनिवार की देर रात हुई हत्या से बहुत मर्माहत हैं. उन्हें इस घटना ने बहुत दुख दिया है. लोग आपस में न चाहते हुए भी इसकी चर्चा कर रहे हैं. सामाजिक भाईचारा भले मिट गया है, लेकिन पारिवारिक बिखराव उससे भी ज्यादा दुखद है. गांव के लोग इन हत्याओं के विषय में अधिक चिंता कर रहे हैं. उन्हें संदेह है कि यह रंजिश आगे भी जायेगी और इसका अंजाम साधारण नहीं होगा. पुलिस छावनी में तब्दील रहा गांव घटना के बाद दूसरे दिन भी हेमंतपुर गांव पुलिस छावनी में तब्दील रहा. जगह-जगह पुलिस बल के तैनात की गई थी. घटनास्थल पर एएसआई अंबिका सिंह के नेतृत्व में आधा दर्जन पुलिस कैंप कर रही थी. जबकि थानाध्यक्ष गौरव प्रसाद व अवर थानाध्यक्ष प्रियंका कुमारी के नेतृत्व में पुलिस लगातार गश्त लगा रही थी. पुलिस के लगातार हो रहे आवाजाही से गांव वाले अपने-अपने घरों में दुबके रहे. एसपी ने किया घटना स्थल का निरीक्षण एसपी अशोक मिश्र ने अपने मातहत अधिकारियों के साथ घटना स्थल का सोमवार को निरीक्षण किया. इस दौरान पुलिस अधिकारियों कई आवश्यक निर्देश दिया. साथ ही मृतकों के परिजनों से मुलाकात भी की. इस क्रम में उन्होंने दोनों पक्षों को घटना के संदर्भ में शीघ्र आवेदन देने की बात कही. बताया जाता है कि एक पक्ष की ओर से घटना के सिलसिले में आवेदन दिया गया है. जिसमें आठ लोगों को नामजद सहित अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया. वहीं दूसरे पक्ष की ओर से समाचार प्रेषण तक आवेदन नहीं दिया गया था. तीन माह पूर्व एक पक्ष ने दिया था थाने में आवेदन किसी अनहोनी घटना को लेकर एक पक्ष की ओर से तीन माह पूर्व में थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई गई थी. आवेदनकर्ता ने बताया कि कई बार धमकी भी दी गई थी. स्थानीय लोगों का बताना है कि यदि पुलिस सतर्कता बरतती या संज्ञान ली होती तो संभवतः इतनी बड़ी घटना रोकी जा सकती थी. इधर, गोलीकांड में जीवन मौत से जूझ रहे इलाजरत सौरव की हालत स्थिर बताई जा रही है.
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