सफदर हाशमी का जीवन सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई के प्रति समर्पित रहा

रंगकर्मी सफदर हाशमी पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका आयोजन जिला मुख्यालय के स्टेशन रोड स्थित शहीद उदय शंकर स्मारक भवन में किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 5, 2025 11:27 PM
an image

समस्तीपुर : रंगकर्मी सफदर हाशमी पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका आयोजन जिला मुख्यालय के स्टेशन रोड स्थित शहीद उदय शंकर स्मारक भवन में किया गया. प्रतिरोध की संस्कृति एवं सफदर की विरासत विषय पर जनवादी लेखक संघ, जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा,सीआईटीयू एवं एसएफआई द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामविलास सहनी और सीआईटीयू के जिला अध्यक्ष रघुनाथ राय की अध्यक्ष मंडली ने की. जबकि संचालन सीआईटीयू के जिला सचिव मनोज कुमार गुप्ता ने किया. जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के साथियों-राम विलास सहनी,राम प्रवेश चौरसिया,रामप्रीत सहनी, नरेन्द्र कुमार टुनटुन एवं ब्रह्मदेव सहनी के जनवादी गीतों से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. जनवादी लेखक संघ के कार्यकारी जिला सचिव डॉ. अरुण अभिषेक ने आगत अतिथियों का स्वागत किया. विचार-गोष्ठी के मुख्य वक्ता सीआईटीयू के पूर्व राज्य महासचिव अरुण कुमार मिश्र थे. उन्होंने विस्तार से सफदर हाशमी के जीवन एवं एक लोक रंगकर्मी के रूप में उनकी भूमिका की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सफदर ने देश के जनवादी, प्रगतिशील एवं वामपंथी आंदोलन को मजबूती प्रदान की. उन्होंने कहा कि सफदर एक साथ लेखक,कवि,चित्रकार, शिक्षक, निर्देशक, रंगकर्मी एवं संगठनकर्ता थे. उन्होंने कहा कि इतिहास में बहुत कम ऐसे रंगकर्मी हुए जिन्होंने नुक्कड़ नाटक आंदोलन को देश भर में न केवल लोकप्रिय बनाया बल्कि उसके लिए अपने जीवन को पूरी तरह समर्पित कर दिया. उन्होंने कहा कि सफदर हाशमी एक बहुमुखी प्रतिभाशाली नौजवान थे, जिन्होंने सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपने जीवन को समर्पित कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रतिरोध की संगठित संस्कृति के माध्यम से ही सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है. विचार गोष्ठी में समस्तीपुर कॉलेज के पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष एवं जन संस्कृति मंच के जिलाध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार, पूर्व बैंक अधिकारी चन्देश्वर राय, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हरि नारायण राय,जन संस्कृति मंच के जिला सचिव अमलेन्दु कुमार तथा जनवादी लेखक संघ के अरविंद कुमार दास ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए सफदर को महान कलाकार और एक जिंदादिल इंसान की संज्ञा दी. कार्यक्रम में अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक राज कुमार राय राजेश और कासिम सबा ने सफदर हाशमी को समर्पित अपनी रचनाओं का पाठ किया कार्यक्रम में डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा,डॉ. पवन कुमार पासवान, संगीता राय, मीना कुमारी, पूनम देवी, जलेश्वरी देवी, रामाश्रय महतो, सत्य नारायण सिंह,राम सागर पासवान, राम प्रकाश यादव, राजेश्वर कुमार सिंह,जगदीश राय,प्रो उपेन्द्र राय, प्रो सुबोध कुमार,हरे कृष्ण रजक, विनय कृष्ण, बलवंत प्रसाद, मो. अयूब, रामजी चौधरी,शमशाद आलम, सुखदेव राय,लालो पासवान, मोहन पासवान, अनिल कुमार, रंजीत कुमार महतो,मो. इमरान अंसारी, अनिल कुमार राय, सुरेश राम, लाल बहादुर राय,दिनेश राय ,राजा राम मोहन राय एवं बिगन पटेल सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए दर्जनों की संख्या में लेखक,कवि, संस्कृति कर्मी एवं छात्र- नौजवान तथा शिक्षक कर्मचारी शामिल थे. एसएफआई के जिला सचिव छोटू कुमार भारद्वाज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ विचार गोष्ठी का समापन हुआ.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version