Technology Use in Education: शिक्षा को बेहतर करने के लिए तकनीक की मदद लेना आवश्यक
Help of technology is necessary to improve education बिहार शिक्षा परियोजना और क्षमतालय फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ
Technology Use in Education: कार्यशाला में समस्तीपुर के छः प्रखंडों से आए 60 सरकारी विद्यालय के शिक्षकों ने इंटीग्रेटेड लर्निंग, विद्यालय में पुस्तकालय और जीवन कौशल से संबंधित अनुभवों को जाना और सीखा.
समस्तीपुर : बिहार शिक्षा परियोजना और क्षमतालय फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा को बेहतर करने के लिए तकनीक की मदद लेना आवश्यक है. शिक्षा के क्षेत्र में संसाधन की कमी को पूरा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन आदर्श स्थिति में बेहतर करने की चाह रखना जड़ता की तरफ जाना है. डीपीओ एसएसए ने कहा कि स्व-अध्ययन का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा शुरुआत करना है. उसके बाद, बाकी चरण अपने आप आसान हो जाते हैं. शिक्षक विभिन्न तरीकों से छात्रों को स्व-अध्ययन करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. हालाँकि, ऐसी कोई एक रणनीति नहीं है जो हर छात्र के लिए कारगर हो. यह देखना जरूरी है कि छात्र आपसे सहमत है या नहीं, बजाय इसके कि आपका सिस्टम काम कर रहा है या नहीं. कार्यशाला में समस्तीपुर के छः प्रखंडों से आए 60 सरकारी विद्यालय के शिक्षकों ने इंटीग्रेटेड लर्निंग, विद्यालय में पुस्तकालय और जीवन कौशल से संबंधित अनुभवों को जाना और सीखा.Technology Use in Education:एसईई लर्निंग (सामाजिक भावनात्मक और नैतिक सीख ) के तहत बच्चों में भावना, संवेदना, और जीवन बेहतरी को लेकर कई दिशा-निर्देश दिए गए
इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को न केवल शिक्षण-संबंधी नई तकनीकों के बारे में बताया गया, बल्कि उन्हें अपने छात्रों के साथ व्यावहारिक रूप से इन्हें लागू करने के लिए प्रेरित किया गया. इंटीग्रेटेड लर्निंग और लाइब्रेरी से संबंधित सत्रों में जानकारी देती हुई फैसिलिटेटर पल्लवी ने कई गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण को अधिक रुचिकर और प्रभावी बनाने के उपाय बताये. वहीं जीवन कौशल को बेहतर करने के लिए एसईई लर्निंग (सामाजिक भावनात्मक और नैतिक सीख ) के तहत बच्चों में भावना, संवेदना, और जीवन बेहतरी को लेकर कई दिशा-निर्देश दिए गए तथा गतिविधि के मध्य से बच्चो में इस गुण को स्थापित करने की जानकारी भी दी गई. एसईई लर्निंग के महत्व को बताते हुए फेसलिटेटर पूजा कुमारी ने कहा कि एसईई लर्निंग हमे इस बदलती हुई दुनिया में जहां इंसान समाज और लोगों से ज्यादा मशीनों से घिरा रहता है, वहां दबाव के बीच जीना सिखाता है. कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न गतिविधियों को अपने स्कूलों में लागू करने की प्रतिबद्धता जताई.
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