प्रखंडों के एक-एक स्कूल में बनेगी आदर्श पोषण वाटिका

जिले के सभी बीस प्रखंडों के एक-एक स्कूलों में आदर्श पोषण वाटिका बनेगी. इसकी लंबाई 25 फुट और चौड़ाई 20 फुट होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 11, 2025 10:37 PM

समस्तीपुर : जिले के सभी बीस प्रखंडों के एक-एक स्कूलों में आदर्श पोषण वाटिका बनेगी. इसकी लंबाई 25 फुट और चौड़ाई 20 फुट होगी. साथ ही खाद (उर्वरक) के लिए तीन मीटर लंबी और डेढ़ मीटर चौड़ी एक आयताकार टंकी बनेगी. ताकि, पोषण वाटिका को लेकर जागरूकता आये और बच्चों में भी खेती-बागवानी की समझ विकसित हो. मनरेगा के माध्यम से स्कूलों में इन सभी चीजों का निर्माण होगा. साथ ही इन वाटिकाओं की देखभाल के लिए वन पोषकों की नियुक्ति भी की जायेगी. मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी शर्मा ने इस संबंध में मध्याह्न भोजना योजना को पत्र लिखा है, जिसके बाद जिले से स्कूलों की सूची मांगी गयी है. पहले चरण में प्रखंड मुख्यालय के किसी एक स्कूल में आदर्श पोषण वाटिका का निर्माण होगा. आगे के और दो चरणों में अन्य स्कूलों में भी इसे बनाया जायेगा. मध्याह्न भोजन योजना निदेशक विनायक मिश्र ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि उक्त दिशा-निर्देश के आलोक में पर्याप्त भूमि की उपलब्धता वाले स्कूलों की सूची भेजें. जिले से स्कूलों की सूची मिलते ही आदर्श पोषण वाटिका तथा खाद के लिए टंकी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.

– इन वाटिकाओं की देखभाल के लिए वनपोषकों की नियुक्ति भी की जायेगी

मालूम हो कि जिले में बीस प्रखंड हैं. इन प्रखंडों के स्कूलों में पोषण वाटिका, खाद के लिए टंकी बनाने के साथ-साथ पौधों की उपलब्धता में भी मनरेगा सहयोग करेगा. जिले के स्कूलों में पोषण वाटिका का निर्माण पहले से चल रहा है. अब पोषण वाटिका के लिए 16 विभाग के साथ मिलकर संयुक्त प्रयास होगा. साथ ही पोषण वाटिका में उपजाये हुए साग-सब्जियां और फलों का इस्तेमाल मध्याह्न भोजन में किया जायेगा. इसके अलावा बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी होगी. पोषण वाटिका से उपजाए हुए सब्जियों में पोषक तत्व भी भरपूर होंगे और बच्चों की सेहत भी अच्छी होगी. जिन स्कूलों में पोषण वाटिका का निर्माण कराया गया था. उन सभी स्कूलों की सिलसिलेवार तरीके से जांच की जायेगी. फिलहाल तो इस बात का पता लगाया जा रहा है कि पोषण वाटिका का किस हाल में है. वहां सब्जी उगाने का काम चल रहा है या नहीं. साथ ही जिस उद्देश्य के साथ पोषण वाटिका को निर्माण कराया गया था, उसे पूरा किया जा रहा या नहीं. स्कूलों में पोषण वाटिका लगाने से बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा. जिससे बच्चों में होनेवाली एनीमिया व रतौंधी जैसी बीमारी में कमी आयेगी. विभागीय आंकड़ें बताते हैं कि बच्चों में अधिकांश एनीमिया की शिकायतें मिलती रहती है. स्कूल में लगाये जाने वाले पोषण वाटिका की सब्जी आलू, गोभी, बैंगन, साग, टमाटर, गाजर, मूली, प्याज सहित अन्य सब्जियां एमडीएम योजना में ही उपयोग में लाया जायेगा. सरकार की योजना के तहत ही बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में पोषण वाटिका का द्वार भोजन विविधता का विकास का नारा दिया गया है.

इन विभागों के सहयोग से चलेगा पोषण वाटिका

लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, जीविका, प्राथमिक शिक्षा,मनरेगा, सामाजिक वानिकी ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, उद्यान एवं बागवानी मिशन, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बिहार कृषि विवि सबौर भागलपुर, खाद्य विज्ञान एवं पोषण, सामुदायिक विज्ञान कॉलेज, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा, राज्य स्वास्थ्य समिति, यूनिसेफ और मिट्टी जांच प्रयोगशाला.

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