गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि, खतरे के निशान से है दूर
मोहनपुर प्रखंड के सभी गांवों के अस्तित्व को निर्धारित करने वाली गंगा नदी में अभी बहुत हलचल नहीं है.
मोहनपुर . मोहनपुर प्रखंड के सभी गांवों के अस्तित्व को निर्धारित करने वाली गंगा नदी में अभी बहुत हलचल नहीं है. भीषण गर्मी के बावजूद दस दिनों की जोरदार वर्षा ने भी गंगा नदी के स्वरूप में बहुत बदलाव नहीं किया. वातावरण बदलने के साथ स्थानीय किसान भदई फसलों की तैयारी में जुट गया है. हालांकि भदई फसलों की बुआई और उसकी देखरेख चुनौती भरी होती है. इसके बावजूद किसानों को यह आशा रहती है कि यदि बाढ़ नहीं आई, तो वह भदई फसलों की अच्छी उपज कर लेंगे. पिछले कई वर्षों की तरह इस बार भी भदई फैसले अधिक मुनाफा दे सकती है. भदई फसल के साथ उनके सिंचाई की चिंता नहीं रहती है. इसलिए किसान कम खर्चे में अधिक मुनाफे के लेकर आशान्वित रहते हैं. इस बार भी अच्छी वर्षा से भदई फसलों के लिए अनुकूल वातावरण बन गया है. किसान खेती में जुट गए हैं. गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि की दर बहुत तेज नहीं है. शुक्रवार को गंगा नदी का जलस्तर 43.90 सेंटीमीटर था. यह खतरे के निशान से अभी भी करीब 1.60 सेमी नीचे है. हालांकि जल संसाधन और निस्सरण विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. गंगा नदी के तटबंध की देखरेख को लेकर चौकसी बरती जा रही है. कनीय अभियंता और उसके सहकर्मी गंगा नदी के स्वभाव को लेकर सावधान दिखाई दे रहे हैं. मध्य विद्यालय, सरारी में कैंप लगाया दिया गया है. इस शिविर में मीटर रीडर को तैनात कर दिया गया है. वह प्रतिदिन दिन में तीन बार जलस्तर में हुई वृद्धि को मापता है और जल संसाधन विभाग के जिला कार्यालय को देता है. गंगा नदी के तटबंध पर अलग-अलग चिन्हित स्थानों पर कटावनिरोधी सामान एकत्रित किए जा चुके हैं. इस बीच गंगा नदी के दक्षिणवर्ती क्षेत्र में खेती करने वाले एवं धरनीपट्टी पूर्वी तथा धरनीपट्टी पश्चिमी पंचायत के निवासियों ने अंचलाधिकारी से मांग की है कि गंगा नदी को पार करने के लिए सरकारी तौर पर नाव का बंदोबस्त किया जाए.
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