jeevika kaaryakartaon ka anishchitakaaleen hadataal दस सूत्री मांगों को लेकर जीविका कार्यकर्ताओं ने निकाला प्रतिरोध मार्च

Indefinite strike of livelihood workers जीविका कैडर संघ जिला इकाई के बैनर तले जीविका कार्यकर्ता शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2024 10:47 PM

Indefinite strike of livelihood workers मानदेय समेत दस सूत्री मांगों के समर्थन में जीविका कार्यकर्ताओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल, हड़ताली कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में सरकार के खिलाफ निकाला प्रतिरोध मार्च, समाहरणालय के समक्ष किया धरना-प्रदर्शन

Indefinite strike of livelihood workers : समस्तीपुर : 25 हजार रुपये मानदेय समेत दस सूत्री मांगों के समर्थन में जीविका कैडर संघ जिला इकाई के बैनर तले जीविका कार्यकर्ता शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे. इस दौरान हड़ताली कार्यकर्ताओं जिला मुख्यालय में प्रतिरोध मार्च निकाला और समाहरणालय के समक्ष घेराव करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सुबह से ही स्थानीय सरकारी बस पड़ाव में जिले के विभिन्न प्रखंड से आये जीविका कार्यकर्ता एकत्रित थे. वे सभी अपने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर पैदल सड़क पर प्रतिरोध मार्च निकाला. मार्च सरकारी बस पड़ाव से निकलकर स्टेडियम गोलंबर होते हुए समाहरणालय के समक्ष आकर समाप्त हुआ. इससे पूर्व प्रदर्शनकारियों ने समाहरणालय के समक्ष घेराव करते हुए समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. सड़क पर धरना-प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष अनुपम ने कहा कि बिहार में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित जीविका परियोजना ने महिला सशक्तिकरण की अलख जगाने के साथ साथ गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इसके बावजूद जीविका कार्यकर्ताओं के हितों की अनदेखी की जा रही है.

Indefinite strike of livelihood workers: पारिश्रमिक इतनी कम है कि जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है.

पारिश्रमिक इतनी कम है कि जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है. इसके अलावा अन्य वक्ताओं ने भी जीविका कार्यकर्ताओं की समस्या पर चर्चा की. इसके उपरांत संगठन के जिलाध्यक्ष व प्रदेश उपाध्यक्ष नैना यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सदस्य ने जिलाधिकारी को दस सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा. इसमें सभी जीविका कार्यकर्ताओं को जीविका की ओर से नियुक्ति पत्र एवं पहचान पत्र देने, मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम पर अविलंब रोक लगाने, कार्यकर्ताओं को 25 हजार मानदेय और नियमित करने, काम से हटाने की धमकी पर रोक लगाने, क्षेत्र भ्रमण भत्ता तीन हजार देने, महिला विकास निगम (डब्लूडीसी) के अस्तित्व को बरकरार रखते हुए एफडीइ/सीइओ का मानदेय वृद्धि करने, सभी अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को क्रमशः संकुल (सीएलएफ) स्तर पर 500, ग्राम संगठन (वीओ) स्तर पर 300, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) स्तर पर 200 रुपये बैठक भत्ता देने, पांच साल पुराने सभी जीविका दीदियों का ऋण माफ करने, परियोजना में तीन साल पूरा करने वाले कैडरों के लिए स्टाफ के रूप में पदोन्नति की व्यवस्था करने, सभी कैडरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ, अवकाश,महिला कैडरों को विशेष अवकाश (एसएल), मातृत्व अवकाश, 2 लाख का मेडिक्लेम एवं 5 लाख का डेथ क्लेम देने की मांग की. मौके पर संगठन के महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष नैना यादव, जिला सचिव सविता कुमारी, अनुपमा कुमारी, नंद किशोर यादव समेत काफी संख्या में जीविका कार्यकर्ता मौजूद रहे. इधर, समाहरणालय के समक्ष सड़क जाम के चलते एक घंटे तक ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई थी. सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार थी. वाहन चालकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा.

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