समस्तीपुर : शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने व शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सख्त रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है. शिक्षा विभाग से जुड़ी तमाम योजनाओं का लाभ अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर ही मिलेगा. विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से जारी अधिसूचना में पोर्टल को लेकर सारी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी गयी है. विभाग ने डीबीटी से संबंधित योजनाओं मुख्यमंत्री बालक-बालिका साइकिल योजना, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बालिका इंटरमीडिएट प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री बालक-बालिका प्रोत्साहन योजना (मैट्रिक प्रथम श्रेणी) व छात्रवृत्ति आदि को केवल ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है.
लाइव लोकेशन के आधार पर काम करेगा सिस्टम:
अब सरकारी विद्यालयों में छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना मुश्किल होगा. कोई छात्र या शिक्षक गायब रहे, तो वे तत्काल नजर में आ जायेंगे. शिक्षा विभाग ने इसके लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल विकसित किया है. सरकारी स्कूल के शिक्षकों की निगरानी अब सीधे राज्य मुख्यालय से होगी. इसके लिए एक अगस्त से सभी शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी बनानी है. जिसके लिए स्कूल परिसर में उपस्थित होना जरूरी है. शिक्षक स्कूल आने के साथ उपस्थिति दर्ज करायेंगे. वहीं, जाते समय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एग्जिट भी करना होगा. एंट्री और एग्जिट के लिए लिंक आधा-आधा घंटा तक ही खुला रहेगा. दरअसल, ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की हाजिरी बनेगी. यह सिस्टम लाइव लोकेशन के आधार पर काम करेगा. इसका मतलब है कि स्कूल परिसर से बाहर रह कर कोई शिक्षक ना तो एंट्री कर सकते है और ना ही एग्जिट कर सकते हैं. सुबह निश्चित समय के बाद लिंक बंद हो जायेगा. उसके बाद आने वाले शिक्षक हाजिरी नहीं बना सकेंगे और अनुपस्थित माने जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है