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कोर्ट कैंपस में मॉक ड्रिल कर आपात स्थिति से निबटने की दी जानकारी

स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार दोपहर अचानक आग लग गई. इस सूचना से लोगों में अफरा तफरी मच गई.

समस्तीपुर : स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार दोपहर अचानक आग लग गई. इस सूचना से लोगों में अफरा तफरी मच गई. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय अग्निशमन विभाग की दमकल के साथ कोर्ट कैंपस में आ गई और बचाव कार्य शुरु हो गया. कुछ देर तक लोग सकते में रहे लेकिन जैसे ही पता चला कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि ऑपरेशन अग्निरक्षक के तहत जिला अग्निशमन विभाग के तत्वाधान में मॉक ड्रिल का आयोजन है. लोगों ने राहत की सांस ली. इस अवसर पर बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी व अधिवक्ता दर्शक दीर्धा में वहां मौजूद थे.

कुछ ही मिनटों पर आग पर पाया काबू, बिल्डिंग पर आग से घिरे व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला

दरअसल, शनिवार को विभाग की टीम द्वार स्थानीय कोर्ट कैंपस में आयोजित मॉक ड्रिल कार्यक्रम के तहत दोपहर करीब 1 बजकर 30 मिनट में स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में आग लगने की सूचना प्रसारित हुई. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय अग्निशमन विभाग की कई टीमें दमकल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरु हो गया. जिला अग्निशमन पदाधिकारी ऐहतेशाम अली और सहायक अग्निशमन पदाधिकारी सुरेन्द्र सिंह स्वयं कर्मियों दिशा निर्देश दे रहे थे. एक ओर अग्निशमन विभाग की एक टीम दमकल व विभिन्न उपकरण की मदद से आग पर काबू पाने में जुटी थी. वहीं दूसरी टीम बिल्डिंग पर आग में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए काम कर रही थी. इस दौरान कुछ ही मिनटों में अग्निशमन विभाग की टीम ने आग पर काबू पा लिया और बिल्डिंग पर आग से घिरे व्यक्ति को सुरक्षित बाहर भी निकाल लिया. अग्निशमन विभाग के कर्मियों के कौशल व साहस को देखकर दर्शक दीर्धा में बैठे लोग हतप्रभ हो गए. जिला अग्निशमन पदाधिकारी ने बताया कि विभागीय निर्देश पर शनिवार को प्रदेश के सभी जिलों में कोर्ट कैंपस में अग्निमशन विभाग की ओर से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है. इसका उद्देश्य आपदा से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना है. मौके पर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव बिमल किशोर राय समेत काफी संख्या में अधिवक्ता व न्यायिक पदाधिकारी मौजूद रहे.

आपदा से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी

अग्निशमन पदाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने लोगों को विस्तार पूर्वक बताया कि आग लगने पर उन्हें तत्काल क्या करना चाहिए तथा रास्ते में अग्निशमन वाहन को देखने पर उनका क्या व्यवहार होना चाहिए. आग लगने पर लोगों को आग की प्रकृति का अवलोकन कर तत्काल उसे बुझाने की कोशिश करनी चाहिए. क्योंकि उसके फैल जाने पर उसे बुझाना मुश्किल हो जाता है. इसमें एलपीजी सिलेंडर, बिजली उपकरण, तेल, कागज, कपड़े इत्यादि से लगने वाले आग तथा उनपर कैसे काबू पाया जाए तथा किन-किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए यह विस्तारपूर्वक बताया गया. साथ ही आपदा में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की जानकारी दी.

चार प्रकार की होती है आग

1- पहला जनरल फायर कोयला, कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है. इसे पानी और सीओ-2 एक्सटीगाइजर (अग्निशामक) से बुझाते हैं.

2- दूसरा तेल की आग डीजल, पेट्रोल की आग इस श्रेणी में आते हैं. इसे डीसीपी एक्सटीगाइजर एवं फोम एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं.3- रासायनिक एवं बिजली आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं. इसे डीसीपी एवं सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं.

4- धातु आग किसी भी धातु में लगी आग इस श्रेणी में आते हैं. इसे डीसीपी सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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