International Day of Older Persons: बुजुर्गों की गरिमा, बुद्धिमत्ता व उत्पादकता को पहचानने की जरूरत
International Day of Older Persons
International Day of Older Persons मोहिउद्दीननगर : वर्तमान परिवेश में हमें बुजुर्गों की गरिमा, बुद्धिमत्ता और उत्पादकता को पहचानने और उनका सम्मान करने की जरूरत है. बुजुर्गों का मार्गदर्शन और अनुभव हमारे आगे की सामूहिक यात्रा में अमूल्य साबित हो सकता है. यह बातें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कही. संचालन स्वास्थ्य प्रबंधक फजले रब व बीसीएम राहुल सत्यार्थी ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बुजुर्गों का सबसे बड़ा दुश्मन उनकी अंतिम आयु, कमजोर संकाय या घटती वित्तीय स्थिति नहीं बल्कि सर्वव्यापी अकेलापन और खालीपन है. जिसे केवल वास्तविक देखभाल से ही भरा जा सकता है. उनसे नियमित मुलाकात व स्नेहिल व्यवहार हमारे दैनदीनी के कार्यों में शुमार होना चाहिए. सामाजिक और डिजिटल व्यवस्था में हमारी व्यस्तता अधिक होती है. जिससे इस परिवर्तित जनसांख्यिकी का मिश्रित परिणाम यह है कि अब हमने बुजुर्ग रिश्तेदारों को अपने जीवन का अभिन्न अंग नहीं मान रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति के आदर्श आचरण के विपरीत है. पश्चात सभ्यता के अंधाधुंध अनुकरण के कारण बुजुर्गों के प्रति हमारी भावनाएं भी प्रभावित हो रही है, जो भविष्य के लिए एक घातक संदेश है. दूसरी और तेतारपुर, सुल्तानपुर, महमद्दीपुर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इस अवसर पर दर्जनों बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच की गई और उन्हें समुचित चिकित्सीय निर्देश दिये गये. इस मौके पर डॉ. नरेंद्र सिंह डॉ. पल्लवी, अनिल कुमार सिंह, सुरेश शर्मा, राकेश कुमार, राजीव कुमार सिंह, मिथिलेश अर्चना, यूनिसेफ के अजय कुमार सिंह, राजू कुमार मौजूद थे.
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