दलसिंहसराय : शहर के लोकनाथपुर गंज मोहल्ले में जारी भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को कथावाचक वृंदावन से आये पंडित अनुराग कृष्ण महाराज उर्फ पगड़ी वाले बाबा ने राधा-कृष्ण के प्रेम के बारे में वर्णन किया. उन्होंने कहा कि अमर प्रेम कहानियों की शुरुआत राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी से होती है. किसी ने उनके प्यार को अपना आदर्श माना तो किन्हीं ने उनके प्रेम में अपने जीवन को समर्पित कर अपना पति रुप मान लिया. उन्होंने रासलीला की कथा सुनाई. विवाह की कथा सुनते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का पहला विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मिणी के साथ हुआ. लेकिन रुक्मिणी को श्रीकृष्ण ने हरण करके विवाह किया था. माता रुक्मिणी लक्ष्मी है. वह नारायण से दूर नहीं रह सकती हैं. यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाये तो ठीक, नहीं तो फिर वह धन चोरी, बीमारी समेत अन्य मार्ग से हरण होते रहता है. धन को परमार्थ में लगाना चाहिए. जब कोई लक्ष्मी-नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा उन्हें मिल ही जाती है. कथा के बीच-बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया. वृंदावन के श्रीनिवास शास्त्री, प्रधान यजमान गौरी शंकर, दीपक पासवान, सुजीत कुमार, टोनी, मुन्नू, हरि कुमार, नीरज कुमार, विकास, शंभू साह आदि थे.
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अपने जीवन धन को परमार्थ में लगायें : अनुराग
दलसिंहसराय : शहर के लोकनाथपुर गंज मोहल्ले में जारी भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को कथावाचक वृंदावन से आये पंडित अनुराग कृष्ण महाराज उर्फ पगड़ी वाले बाबा ने राधा-कृष्ण के प्रेम के बारे में वर्णन किया.
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