बीस सूत्री की बैठक में छाया रहा सदर अस्पताल व शिक्षा में अनियमितता का मामला
समाहरणालय सभाकक्ष में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक हुई
समस्तीपुर. समाहरणालय सभाकक्ष में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक हुई. बैठक में सदर अस्पताल व शिक्षा विभाग के अनियमितता का मामला का छाया रहा. 20 सूत्री की बैठक आठ वर्ष पूर्व हुई थी, उसके बाद भी प्रस्तावों पर अमल नहीं किया गया है. विधायकों की शिकायत पर शिक्षा व सदर अस्पताल की जांच के लिये जांच कमेटी गठित की गयी. कमेटी की ओर से 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश की जायेगी. विभूतिपुर के सीपीएम विधायक ने सदर अस्पताल की अव्यवस्था का मुद्दा उठाया. कहा गया कि सदर अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आते हैं, जो आते भी तो समय पर नहीं आते हैं. पूरे सदर अस्पताल दलालों की गिरफ्त में है. गरीब मरीजों को दलाल बहकाकर बाहर इलाज के लिये ले जाते हैं. पूर सदर अस्पताल की व्यवस्था बदहाल है. लगता है इसे कोई देखने वाला नहीं है. इस मामलों को गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी गठित की गयी. जांच कमेटी की ओर से 15 दिनों में रिपोर्ट दी जायेगी. दूसरी सीपीएम विधायक ने निजी स्कूलों व कोचिंग संस्थानों का मुद्दा उठाया. कहा कि सरकार की ओर से निजी स्कूलों व कोचिंग संस्थानों में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने के लिये पैसे देती, लेकिन स्कूलों में इसका लाभ गरीब बच्चों को नहीं मिल रहा है. इस मामले की जांच के लिये कमेटी गठित की गयी. उन्होंने बिथान बिना स्टेडियम बने ही रिपोर्ट में स्टेडियम बन जाने की बात को गलत बताते हुए इसकी जांच कराने का प्रस्ताव रखा. राजद विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने की बात कही. उन्होंने भोला टॉकिज चौक पर प्रस्तावित आरओबी का शीघ्र निर्माण कराने, शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिये ड्रेनेज सिस्टम को दुरूस्त करने, वाटर स्ट्रोम के दूसरे किस्त की शीघ्र स्वीकृति देने, मुक्तापुर से हकीमाबाद में बन रहे पुल होते हुए जितवारपुर कोरबद्धा होते हुये एनएम 28 तक बाइपास निर्माण के प्रस्ताव को पूरा करने की मांग की. उन्होंने कोरबद्धा में प्रस्तावित पार्क निर्माण को मूर्त रूप देने की मांग की. सांसद शांभवी चौधरी ने भी शहर को जाम से मुक्ति दिलाने की मांग की. उन्होंने सदर अस्पताल की खामियों को गिनाते हुए उसके बदहाल स्थिति को सुधारने की जरूरत बतायी. बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे जांच केंद्रों की जांच की मांग की. उन्होंने पदाधिकारियों की मनमानी पर आक्रोश का इजहार करते हुये इसमें सुधार लाने की जरूरत बतायी. अन्य विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को बैठक में रखा. जिला 20 सूत्री की बैठक इससे पूर्व वर्ष 2016 में हुई थी. आठ वर्ष बाद कार्यवाही अंकित निर्देशों का अनुपालन प्रतिवेदन पर विभागवार विस्तृत रूप से समीक्षा की गयी. आठ वर्षों बाद भी अनुपालन नहीं होने पर प्रभारी मंत्री ने खेद व्यक्त किया. बैठक में जिले में आगामी बाढ़ व सूखाड़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिये की गयी तैयारियों की समीक्षा की गयी. अपर समाहर्त्ता आपदा के द्वारा बताया गया कि संभावित बाढ़ से निपटने की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है. प्रभारी मंत्री के द्वारा सिविल सर्जन को अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाने को कहा गया. प्रभारी मंत्री 10 दिव्यांगजनों को बैटरी चालित ट्राइसाइकिल साैंपकर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. बैठक में विधायक अशाेक कुमार, राजेश कुमार सिंह, विरेन्द्र पासवान, रणविजय साहू, एमएलसी तरुण कुमार, जिप अध्यक्ष खुशबू कुमारी, नगर निगम की मेयर अनीता राम, डीएम, एसपी आदि मौजूद थे.
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