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मदरसे,संस्कृत स्कूलों सहित पॉलिटेक्निक संस्थानों से छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना मुश्किल

अब सरकारी व निजी स्कूलों के अलावे मदरसे व संस्कृत स्कूलों सहित पॉलिटेक्निक संस्थानों से छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना मुश्किल होगा.

समस्तीपुर : अब सरकारी व निजी स्कूलों के अलावे मदरसे व संस्कृत स्कूलों सहित पॉलिटेक्निक संस्थानों से छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना मुश्किल होगा. अब शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष से मदरसे व संस्कृत स्कूलों सहित पॉलिटेक्निक संस्थानों को भी जोड़ने की पहल शुरू कर दी है. इसके लिए सभी जिलों को इन संस्थानों को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया है. इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था होगी. इस समय मदरसे, संस्कृत और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की मॉनिटरिंग की कोई केंद्रीयकृत व्यवस्था नहीं हैं. इससे इन संस्थानों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती हैं. इससे सिस्टम में चूक की संभावना बनी रहती है. यही नहीं स्थानीय स्तर पर गड़बड़ी की भी शिकायतें मिलती रहती हैं. संस्कृत और मदरसा स्कूलों की निगरानी को लेकर विभाग काफी सक्रिय है. अधिकांश स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई नहीं हो रही, सिर्फ डिग्री लेने के उद्देश्य से छात्रों का फॉर्म भरवाया जा रहा है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि कुछ स्कूल तो सिर्फ कागज पर ही संचालित हो रहे हैं. पॉलिटेक्निक संस्थानों की व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं. स्कूलों में संसाधनों की भी काफी कमी देखी गई है. शिक्षा विभाग ने सभी मदरसा और संस्कृत विद्यालयों का डेटा की मांग की हैं. समग्र शिक्षा अभियान डीपीओ मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि ई-शिक्षा कोष से मदरसे, संस्कृत स्कूल सहित पॉलिटेक्निक संस्थानों को जोड़ने की योजना बन रही है. जल्द ही इन संस्थानों को भी पोर्टल से जोड़ दिया जाएगा.

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