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सुख-समृद्धि की कामना के साथ शिव का किया जलाभिषेक

सर्वेश्वर धाम पटसा, मंगलगढ़, चंद्रपुर आदि गांव के शिवालयों में सावन के चौथे सोमवारी में जलाभिषेक करने को लेकर काफी संख्या में लोग पहुंचे.

हसनपुर : सर्वेश्वर धाम पटसा, मंगलगढ़, चंद्रपुर आदि गांव के शिवालयों में सावन के चौथे सोमवारी में जलाभिषेक करने को लेकर काफी संख्या में लोग पहुंचे. सिमरिया से गंगाजल लाकर बाबा का जलाभिषेक किया. जीवन में सुख- समृद्धि की कामना की. झमटिया से जल भरकर श्रद्धालुओं ने मंगलगढ़ शिवालय में जलाभिषेक किया. पटसा आयोजन समिति के सदस्य रामकिशोर राय ने बताया कि श्रद्धालु सिमरिया से जल भरकर पैदल यात्रा कर सर्वेश्वर धाम प्रसाद में जलाभिषेक किया. सर्वेश्वरधाम में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न झेलनी पड़े इसके लिए जगह-जगह पर कमेटी के सदस्य उन्हें सहयोग कर रहे हैं. मौके पर राम किशोर राय, राजीव कुमार सिंह, जगन्नाथ झा, नरेंद्र झा, घनश्याम झा, गौतम कुमार राय, शिवनाथ मिश्रा, गोपालजी झा, नागेंद्र मिश्रा, ज्योतिनाथ मिश्रा, आशुतोष कुमार झा, अमित किशोर राय, डॉ गौरीशंकर, सुजीत मिश्र अर्जुन कुमार मिश्रा, प्रमोद कुमार साहू, माधव महतो, सुमंत राय, टुनटुन राय, मुरारी झा, राकेश कुमार झा, सुनील गिरी, चंदन सिंह, वरुण चौधरी, रामाधार ठाकुर, सचिन कुमार मिश्रा, प्रवीण कुमार मिश्रा, भोला आदि मौजूद थे. सुख की कामना के साथ श्रद्धालु पहुंचे विद्यापतिधाम विद्यापतिनगर : श्रावणी मेला अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है. सावन की चौथी सोमवारी पर विद्यापतिधाम उगना महादेव मंदिर में अपने आराध्य पर गंगा जल चढ़ाने श्रद्धालु उमड़ पड़े. रविवार दोपहर बाद से ही इसकी झलक मिल रही थी. श्रद्धालुओं का सैलाब गंगातट पर देखा गया था. गंगाजल में स्नान व पूजा उपरांत जलपात्र में गंगाजल लेकर श्रद्धालु रविवार की रात से ही विद्यापतिधाम,खुदनेश्वर स्थान एवं थानेश्वर स्थान प्रस्थान करते रहे. विद्यापतिधाम से गंगातट लगभग चार किलोमीटर सड़क पर नुकीले पत्थर फैले थे. जहां सुख की कामना के साथ नंगे पैर में चुभते नुकीले पत्थरों का दुख लिए श्रद्धालु विद्यापतिधाम पहुंचे. विद्यापतिधाम उगना महादेव मंदिर मनोकामना पूर्ण होने की गारंटी के तौर पर आस्था का स्थल के रूप में जाना जाता है. इतना ही नहीं दुनिया का यह अनूठा शिवालय है. यहां देवाधिदेव भगवान शिव के साथ उनके अन्यान्य भक्त मिथिला प्राण विद्यापति जी का जलाभिषेक किया जाता है. इधर एन एच के हो रहे निर्माण कार्य से श्रद्धालुओं की सड़क पर नुकीले पत्थर फैले हैं. एन एच निर्माण को लेकर इन्हीं सड़कों से रोड मेटेरियल को ढोया जाता है. इससे भक्तिभाव के ये रास्ते / सड़क कंकड़ पत्थर से भरे हैं. जो नंगे पांव श्रद्धालुओं के लिए पीड़ादायी बना है. श्रावण मास की चौथी सोमवारी पर हजारों श्रद्धालुओं ने उगना महादेव पर जलाभिषेक किया. जहां श्रद्धालुओं को आधिकारिक भक्तिभाव का लाभ नहीं मिल पाया. प्रशासन के कतारबद्ध व्यवस्था फिर हवा हवाई हुई. जलाभिषेक मेले में धक्का कहते श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह पहुंच भोलेनाथ को जल अर्पित किया.

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