जामुन का फल व बीज मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी : वैज्ञानिक
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पादप रोग व नेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष सह अखिल भारतीय फल परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ एसके सिंह ने बताया कि मधुमेह रोगियों के लिए जामुन अमृत के समान है.
पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पादप रोग व नेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष सह अखिल भारतीय फल परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ एसके सिंह ने बताया कि मधुमेह रोगियों के लिए जामुन अमृत के समान है. इसका फल व बीज दोनों लाभकारी है. इसके कारण मधुमेह रोगियों के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण किसानों को खेती करनी चाहिए. किसानों को जामुन के नये बाग को जून, जुलाई व अगस्त माह में लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज कल बाजार में जामुन के फलों का अच्छा मूल्य मिलने के कारण किसान अब इसकी खेती के प्रति जागरूक हो भी हुए हैं. वैज्ञानिक ने कहा कि जामुन के राजा, जामवंत सीआईएसएचजे 45 व 37, गोमा प्रियंका, काथा, नरेंद्र 6, कोंकण भादोली, बादाम, जत्थी और राजेन्द्र 1 जैसी उन्नत किस्मों को लगाने का सुझाव दिया. जामवंत जामुन की किस्म को पूरी तरह से एंटीडायबिटिक और बायो एक्टिव बताया. जामुन के पौधे खेत में लगाने से पहले किसानों को खेत की शुरुआत में गहरी जुताई कर उसे कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ देने की सलाह दी. फिर खेत में रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बनाने की सलाह दी. इसके बाद पाटा चलाकर भूमि को समतल बना लेना चाहिए. 7 से 8 मीटर की दूरी पर एक मीटर व्यास वाले डेढ़ से दो फुट गहरे गड्डे तैयार कर गड्ढें में उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक खाद को मिट्टी में मिलाकर भरने को कहा है. खाद और मिट्टी के मिश्रण को गड्ढे भरने के बाद उनकी गहरी सिंचाई कर ढकने की सलाह दी. डॉ सिंह ने कहा वर्तमान समय में खासकर युवा आबादी के बीच मधुमेह की वृद्धि स्वास्थ्य के लिए बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है. इस फल के सेवन से मधुमेह, एनीमिया, दांत और पेट से जुड़ी बीमारियों में लाभ मिलता है. कहा कि किसान एक हेक्टेयर में जामुन की खेती कर लाखों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
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