समस्तीपुर : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जननायक ने गरीबों व पिछड़ों की सेवा करके नया इतिहास रचा. उन्होंने कहा कि समय नदी की धार की तरह है, जिसमें सभी बह जाया करते हैं. लेकिन इसी में कुछ ऐसे होते हैं, जो इतिहास रच देते हैं. वे यहां भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती समारोह पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अपने लिए तो सब जीते हैं. कीट, पतंग, पशु व पक्षी सभी अपने लिए जीते हैं. अपने लिये जीये तो क्या जीये. सही मायने में जीता वहीं है जो देश और जनता के लिये जीता है. जननायक का पूरा जीवन गरीबों, पिछड़ों, दीनहीन, दुखियों व किसानों के लिए समर्पित रहा. कर्पूरीग्राम की इस धरती ने महान विभूति को जन्म दिया है, उन्होंने कहा वे इस धरती को नमन करते हैं. जननायक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनका नारा था कि 100 में 90 शोषित हैं, शोषितों ने ललकारा है, धन,धरती और राजपाठ का 90 भाग हमारा है. शोषितों को अधिकार चाहिए तो लड़ना सीखों, जननायक ने हर क्षण देश और जनता को समर्पित किया था. उन्होंने ने ही पिछड़ों को आरक्षण दिया था. उनकी कोशिश रही कि गरीबों को बराबर शिक्षा का अधिकार मिले. इसके लिए उन्होंने मैट्रिक तक की शिक्षा को मुफ्त कर दी. वे अपनी भाषा में शिक्षा देने के पक्षधर थे. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे मातृभाषा हिन्दी में अच्छे से शिक्षा ले पाते थे. अंग्रेजी गांव के गरीब बच्चे नहीं पढ़ पाते थे. मैट्रिक में अंग्रेजी अनिवार्य विषय था, इस कारण गांव के बच्चे मैट्रिक में फेल हो जाते थे. उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म की ताकि गांव के गरीब बच्चे मैट्रिक पास कर सके. उन्होंने कहा कि उनके जीवन के कई प्रेरक प्रसंग हैं. एक वाकया का जिक्र करते हुए बताया कि जननायक जब मुख्यमंत्री थे, तो जेपी की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, वहां जब वे पहुंचे तो उनका कुर्ता फटा हुआ था. इसे देखकर चंद्रशेखर सिंह ने उनके कुर्ता के लिए सबसे दान देने की अपील की. चंदा से जो राशि उन्हें दी गयी, उसे उन्होंने सीएम कोष में पैसा जमा कर दिया था.
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