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बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन पर नजर रखेंगी जीविका दीदियां

मिड-डे मील योजना से छात्रों और अभिभावकों को कई लाभ मिलते हैं. सबसे पहले, यह माता-पिता को अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करती है, क्योंकि उन्हें हर दिन कम से कम पौष्टिक भोजन मिलने का आश्वासन दिया जाता है.

समस्तीपुर : मिड-डे मील योजना से छात्रों और अभिभावकों को कई लाभ मिलते हैं. सबसे पहले, यह माता-पिता को अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करती है, क्योंकि उन्हें हर दिन कम से कम पौष्टिक भोजन मिलने का आश्वासन दिया जाता है. यह योजना कुपोषण को कम करने और बच्चों के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करती है, जिससे बेहतर संज्ञानात्मक विकास और शैक्षणिक प्रदर्शन होता है. माता-पिता के लिए, यह योजना उनके बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने के वित्तीय बोझ को कम करती है, खासकर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे परिवारों के लिए. अब सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के संचालन पर भी जीविका दीदी की नजर रहेगी. बच्चों की थाली में मेनू, मात्रा और गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए भोजन परोसा जा रहा है या नहीं, इस पर जीविका दीदियां नजर रखेंगी. जीविका समूहों को मध्याह्न भोजन योजना की जांच और मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी दी गई है. इस संबंध में शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव और जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों को नियमित एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. विभाग के पदाधिकारियों व कर्मियों द्वारा विद्यालयों का नियमित मॉनिटरिंग किया जा रहा है. इससे मध्याह्न भोजन योजना में भी सुधार दिख रहा है. जीविका जमीनी स्तर से जुड़ा हुआ संगठन हैं. जीविका संगठन से जुड़े कई परिवारों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करते हुए मध्याह्न भोजन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. ऐसे में जीविका दीदियां बहुत ही जिम्मेवारी के साथ अपनी नई भूमिका निभायेंगी. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि अपर मुख्य सचिव द्वारा मध्याह्न भोजन योजना की जांच व मॉनिटरिंग को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए जीविका संगठन का सहयोग लेने का निर्देश दिया गया है. विद्यालयों में दिया जा रहा भोजन साप्ताहिक मेनू के अनुसार है या नहीं, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता ठीक है या नहीं, मध्याह्न भोजन बनाने के लिए एलपीजी का उपयोग हो रहा है या नहीं, सभी बच्चों को स्टील की थाली उपलब्ध है और उसका उपयोग किया जा रहा है या नही, क्या स्टील थाली की गुणवत्ता ठीक है, रसोई-सह-भंडारगृह की साफ-सफाई ठीक है या नहीं, मध्याह्न भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खाद्य सामग्री के भण्डारण की स्थिति ठीक है या नही, मध्याह्न भोजन योजना के साप्ताहिक मेनू में शुक्रवार के दिन दिये जाने वाले अण्डा/फल का वितरण किया जा रहा है या नहीं. जीविका दीदी को जांच के दौरान विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में जो कमी दिखेगी उसे कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में दर्ज कराना होगा. जीविका दीदी को शिक्षा विभाग के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के टॉल फ्री नंबर-14417 के माध्यम से तुरंत शिकायत दर्ज करनी होगी.

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