निजी स्कूलों के लिए अंतिम मौका, नयी प्रस्वीकृति को 10 तक दे सकते हैं आवेदन

बगैर प्रस्वीकृति के संचालित निजी स्कूलों में विरुद्ध एक लाख रुपये तक जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने सभी बीईओ को निर्देश जारी किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 11:36 PM

समस्तीपुर : बगैर प्रस्वीकृति के संचालित निजी स्कूलों में विरुद्ध एक लाख रुपये तक जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने सभी बीईओ को निर्देश जारी किया है. कहा है कि कोई भी विद्यालय जो सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति का प्रमाणपत्र प्राप्त किये बिना विद्यालय स्थापित अथवा संचालित नहीं कर सकेगा. इसका उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 18 (5) एवं 19 (5) के अंतर्गत दोषी व्यक्ति अथवा संस्था को एक लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है. अथवा निर्धारित तिथि के बाद भी स्कूल संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार जुर्माना किया जा सकता है. कहा है कि उक्त प्रावधान के बावजूद अभी तक जिला में मात्र करीब 551 निजी विद्यालय प्रस्वीकृति प्राप्त है. उक्त आलोक में निदेश दिया जाता है कि अपने प्रखंड अंतर्गत संचालित निजी स्कूलों की प्रस्वीकृति प्राप्ति के लिए आगामी 10 अगस्त तक ई संवर्द्धन पोर्टल पर आवेदन करना सुनिश्चित करेंगे. निर्धारित अवधि के बावजूद अगर किसी स्कूल के द्वारा प्रस्वीकृति के लिए पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जाता तो ऐसी स्थिति में वैसे निजी स्कूलों को चिन्हित कर प्रतिवेदन देना सुनिश्चित करेंगे.

प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने क्या दिया निर्देश

जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिए निर्देश में प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने कहा है कि बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के तहत निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति का प्रावधान किया गया है. इसके तहत सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति का प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना निजी विद्यालयों की न स्थापना की जा सकती है और न ही संचालित किया जा सकता है. इस प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में अधिनियम के अंतर्गत दोषी व्यक्ति या संस्था को एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है. इसके बावजूद अगर किसी विद्यालय के द्वारा प्रस्वीकृति के लिए पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जाता है, तो फिर बिहार राज्य बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली के नियमों के तहत कार्रवाई करने को ले जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत बिना प्रस्वीकृति के अब निजी विद्यालयों का संचालन नहीं हो सकेगा. लेकिन नियम को ताक पर रख निजी विद्यालय संचालित हो रहे है. जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता की मानें तो बिना प्रस्वीकृति वाले विद्यालयों को हर हाल में प्रस्वीकृति लेना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि वैसे विद्यालय जो प्रस्वीकृति हैं लेकिन आरटीई के मानकों का पालन नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. वैसे विद्यालय जो बिना किसी बोर्ड से संबद्धता प्राप्त किए उच्च शिक्षा दे रहे हैं, उनकी भी जांच की जाएगी.

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