समस्तीपुर. जिला परिषद के 15 वें वित्त की राशि का 6 प्रतिशत से भी कम खर्च हुआ है. इसकाे लेकर पंचायती राज विभाग के निदेशक ने नाराजगी जतायी है.यथाशीघ्र इसमें प्रगति लाने का निर्देश दिया गया है.पंचायती राज निदेशक के द्वारा समीक्षात्मक बैठक में बार-बार निर्देश और चेतावनी दिये जाने के बाद भी जिला परिषद के 15 वें वित्त की स्थिति नहीं सुधर रही है.विदित हो कि इससे पूर्व 28 नवंबर 2024 को हुई समीक्षात्मक बैठक में मुख्य सचिव ने जिला परिषद के 15 वें वित्त की राशि कम खर्च होने पर जिलाधिकारी को मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया था. समीक्षा में मुख्य सचिव ने पाया था कि जिला परिषद के 15 वें वित्त की 82.70 करोड़ रुपये में मात्र 2.02 करोड़ रुपये खर्च हुये हैं. वहीं षष्टम राज्य वित्त आयोग के अतंर्गत योजनाओं के भुगतान के लिये विभागीय पोर्टल ई पंचायत, बिहार पोर्टल के माध्यम से त्रिस्तरीय समितियों के भुगतान की समीक्षा में पाया गया कि जिला परिषद स्तर पर समस्तीपुर जिला में सबसे निम्न भुगतान हुआ है.15 वें वित्त व षष्टम वित्त की राशि खर्च नहीं होने से जिला परिषद के विकास मद का कार्य प्रभावित हो रहा है.जिला परिषद का कार्यकाल भी महज अब एक साल ही बच गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिला परिषद मद से 65 करोड़ का काम एक साल से खुला हुआ है. योजना का एग्रीमेंट भी हो चुका है. लेकिन राशि के अभाव में काम नहीं हो रहा है.
इन क्षेत्रों में होता 15 वें वित्त से काम
15 वें वित्त आयोग की राशि स्वच्छता एवं खुले मे शौच से मुक्ति, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन, जन पुनर्चक्रण, तूफानी जल निकासी, जल भराव प्रबंधन, जिला अस्पताल,अनुमंडल और रेफरल अस्पताल के आधारभूत ढांचे का विकास, सरकारी भवनों की बाउंड्री, सार्जजनिक भवनों का रखरखाव, शवदाह गृह और बस या ऑटो स्टैंड का निर्माण आदि का काम होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है