साइबर बदमाशों ने मंडल कारा में विचाराधीन बंदियों के परिजनों को कॉल कर मांग रुपये

साइबर बदमाशों ने खुद को समस्तीपुर मंडल कारा का जेलर बताकर जेल में बंद दो अलग-अलग विचारधीन बंदियों के परिजनों को मोबाइल पर कॉल किया

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 10:45 PM

समस्तीपुर. साइबर बदमाश ठगी के लिए नए नए पैंतरे का इस्तेमाल कर रहे हैं. गुरुवार को साइबर बदमाशों ने खुद को समस्तीपुर मंडल कारा का जेलर बताकर जेल में बंद दो अलग-अलग विचारधीन बंदियों के परिजनों को मोबाइल पर कॉल किया और बंदियों के बारे में दुर्घटना की गलत जानकारी देते हुए इलाज के लिए बैंक अकाउंट में तत्काल सात हजार रुपये ट्रांसफर करने की बात कही. जिसके बाद विचाराधीन बंदी के परिजन मंडल कारा पहुंचे और कारा प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी. कारा प्रशासन ने बंदियों के परिजनों को बताया कि यह साइबर बदमाशों की करतूत है. कारा प्रशासन इस तरह के किसी को कॉल नहीं करती है. कारा प्रशासन ने परिजनों को बंदियों से मुलाकात कराई. इसके बाद परिजन संतुष्ट होकर अपने घर लौटे. बाद में कारा प्रशासन ने स्थानीय साइबर एक्सपर्ट की मदद से फ्रांड कॉल करने वाले नंबर की जांच की गई. इस संबंध में मंडल कारा अधीक्षक ने गुरुवार को साइबर थाना में एक आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई है. इसमें विचाराधीन बंदियों को फ्रांड कॉल करे वाले मोबाइल धारक कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र के सिंघिया बेला पंचायत के अकौना गांव निवासी दुलारचंद्र पंडित की पत्नी गंगिया देवी को नामजद आरोपित किया गया है. आवेदन में बताया गया है कि जेल में बंद विचाराधीन बंदी सज्जन दास की मां हरपुर एलौथ के मंजू देवी के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को समस्तीपुर मंडल कारा का जेलर बताया और महिला से कहा कि मंडल कारा में बंद उसका पुत्र सज्जन दास छत से गिर गया है. उसे ब्लड चढ़ाने के लिए तत्काल सात हजार रुपये अपने बैंक अकाउंट में मांगा. इससे पहले उजियारपुर के अरविंद चौरसिया के मोबाइल पर साइबर बदमाशों ने कॉल किया था और खुद को समस्तीपुर मंडल कारा का जेलर बताया. कॉल करने वाले ने अरविंद को बताया कि मंडल कारा में बंद उसका भाई धर्मेद्र चौरसिया छत से गिर गया है. उसे ब्लड चढ़ाने के लिए अपने बैंक अकाउंट में तत्काल सात हजार रुपये मांगा. जिसके बाद विचाराधीन बंदियों के परिजन मंडल कारा पहुंचे और कारा प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी गई. कारा प्रशासन ने परिजनों को बंदियों से मुलाकात कराई. जिसके बाद परिजन संतुष्ट होकर अपने घर लौटे. कारा प्रशासन द्वारा साइबर एक्सपर्ट की मदद से फर्जी कॉल करने वाले मोबाइल नंबर के धारक की जानकारी ली गई. एक्सपर्ट ने फ्रांड कॉल करने वाले मोबाइल धारक की पहचान कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र के सिंघिया बेला पंचायत के अकौना गांव निवासी दुलारचंद्र पंडित की पत्नी गंगिया देवी के रुप में बताई है, बताया कि उक्त मोबाइल नंबर कई नामों से प्रदर्श हो रहा है. इसमें रंजन सुपरवाइजर, छोटे कुमार टेरियल, चाेटक जवाही, प्ले गेम्स रंजन, रंजन यादव सुपरबालमार्ट आदि भी शामिल है. जेलर रामानुज सिंह ने साइबर बदमाशों के द्वारा फ्रांड कॉल कर विचाराधीन बंदियों के परिजनों को परेशान किया गया है. कारा प्रशासन इस तरह से किसी विचाराधीन बंदियों के परिजनों को कॉल नहीं करती है. लोगों को साइबर बदमाशों से सतर्क रहने की जरुरत है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version