मधुमेह रोगियों की मॉनिटरिंग आवश्यक : डा सिंह

इससे सिग्नल मिलते ही बॉडी सेल्स ग्लूकोज को एब्जॉर्ब करने की कोशिश करता है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2025 11:33 PM
an image

समस्तीपुर : शहर के मोहनपुर रोड स्थित एसआरएस डायबिटीज़ स्पेशलिटी केयर के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ आरके सिंह ने बताया कि विश्व में मधुमेह के नियंत्रण के लिए तीन ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएचओ, आइडीएफ व एडीए काम कर रही है जो बताती है की मधुमेह रोगियों का मॉनिटरिंग प्रतिवर्ष होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एचबीएवनसी की जांच रिपोर्ट अपने टारगेट से एक प्रतिशत से भी बड़ा रहता है, तो पीड़ित को हार्ट अटैक का रिस्क 15% ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क 15%, परिधीय धमनी रोग (पीएडी) का रिस्क 40% व रेटीनोंपैली का रिस्क 20% बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में यह तीनों ऑर्गेनाइजेशन कहती है की डायबिटीज मरीज अगर अपना टारगेट सही नहीं रखते हैं, तो डायबिटीज कॉम्प्लिकेशंस के कारण व्यक्ति का उम्र उसके सामान्य उम्र सीमा में 10 से 14 वर्ष का लाइफ काम हो जाता है. श्री सिंह ने कहा कि व्यक्ति कुछ खाता है तो उसे पचाने के क्रम में शरीर कार्ब्स को तोड़कर ग्लूकोज में तब्दील करता है. फिर शरीर के महत्वपूर्ण अंग पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन निकलता है. इससे सिग्नल मिलते ही बॉडी सेल्स ग्लूकोज को एब्जॉर्ब करने की कोशिश करता है. इससे शरीर में एनर्जी का निर्माण होता है. पर इंसुलिन रेजिसटेंस के कारण बॉडी में ग्लूकोज ज्यादा हो जाता है. शरीर में जब ब्लड शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है तो डायबिटीज का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

इससे खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है

डायबिटीज के दो प्रकार टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में लोगों के पैनक्रियाज में इंसुलिन हार्मोन बनने बंद हो जाते हैं. इससे खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में जितना जरूरी है उतना इंसुलिन नहीं बन पाता है, या फिर उत्पादन के बाद भी इंसुलिन ठीक से काम नहीं कर पाता है. ऐसे में विश्व के तीनों ऑर्गेनाइजेशन कहती है कि प्रत्येक डायबिटीज पेशेंट का डायबिटीज मॉनिटरिंग के अलावा डायबिटीज कॉम्प्लिकेशंस का स्क्रीनिंग टेस्ट होना अनिवार्य है. जिसके अंतर्गत डायबिटीज आई केयर, डायबिटीज हार्ट केयर, डायबिटीज फूड स्क्रीनिंग टेस्ट, डायबिटीज स्किन एवं किडनी का प्रत्येक 3 से 6 माह में जांच होनी चाहिए ऐसा करने से डायबिटीज कॉम्प्लिकेशंस को समय से पहले पहचान कर उससे होने वाले कॉम्प्लिकेशन को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह सभी स्क्रीनिंग टेस्ट व जांच एवं डायबिटीज हेल्थ केयर एजुकेशन समस्तीपुर के मोहनपुर रोड स्थित एसआरएस डायबिटीज़ स्पेशलिटी केयर में नि: शुल्क होता है. यहां समय-समय पर कैंपेनिंग कर प्रत्येक रविवार को डायबिटीज हेल्थ केयर एजुकेशन एवं निशुल्क जांच कैंप का आयोजन किया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version