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Monthly examination of 11th and 12th: 17 सितंबर तक एडमिशन, 23 से शुरू हो गई परीक्षा

Monthly examination of 11th and 12th

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 11:18 PM

Monthly examination of 11th and 12th: 11वीं व 12वीं की मासिक परीक्षा : न कक्षा का संचालन न बच्चों के पास किताबें

Monthly examination of 11th and 12th: समस्तीपुर : इंटरमीडिएट 11वीं और 12वीं की मासिक परीक्षा सोमवार से जारी है. जहां बाढ़ की समस्या है, वहां के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने परीक्षाएं नहीं ली. चौंकाने वाली बात यह है कि 17 सितंबर तक तकरीबन तीन हजार छात्रों ने इंटर के अलग-अलग संकायों में अपना नामांकन कराया था और महज पांच दिनों के बाद से ही परीक्षा शुरू हो गई. अधिकांश छात्रों के पास किताबें भी नहीं हैं. सही से कक्षा का संचालन भी शुरू नहीं हो सका है. 30 सितंबर तक परीक्षा होनी है. रविवार को डीईओ कार्यालय में प्लस टू स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को उत्तर पुस्तिका और प्रश्न पत्र दिये गये थे. अभिभावकों का कहना है कि हाल ही में बच्चों का इंटर प्रथम वर्ष में नामांकन हुआ है. शैक्षणिक सत्र 2024-26 का सेशन पूरा करने के लिए उनका रजिस्ट्रेशन भी शुरू है. ऐसे में बिना पढ़े-पढ़ाये बच्चे कैसे परीक्षा देंगे? शिक्षक नेता सिद्धार्थ शंकर ने शिक्षा विभाग के मूल्यांकन के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि विद्यालय में पढ़ाये बिना विद्यार्थियों का मूल्यांकन किस आधार पर होगा. बीएसईबी ने परीक्षा का कैलेंडर जारी तो कर दिया, लेकिन विद्यालय संचालक और पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारी छात्रों को नहीं है. मासिक जांच परीक्षा से संबंधित जानकारियों को पूरी तरह गोपनीय रखने की पूरी जिम्मेदारी एचएम को दी गई है. परीक्षा से जुड़ी सामग्री के लीक होने पर एचएम पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. बोर्ड ने तीन अक्टूबर को परिणाम का प्रारूप तैयार करके जमा करने का निर्देश दिया है.

Monthly examination of 11th and 12th: विषयवार शिक्षकों की कमी दूर करने में असफल रहा विभाग

जिले के 403 प्लस टू विद्यालयों में से अधिकांश में विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण छात्र- छात्राओं की उपस्थिति 36-52 फीसदी ही है. प्लस टू स्कूलों में पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण नहीं होने के कारण इन दिनों कोचिंग सेंटरों का भरमार हो गया है. सरकारी प्लस टू विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का दावा भले ही शिक्षा विभाग कर रहा है लेकिन छात्र छात्राएं इन दावों को हवा- हवाई बता कोचिंग संस्थान की ओर रुख कर रहे हैं. जिले के उजियारपुर प्रखंड स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हसौली कोठी में फिजिक्स, बॉटनी के शिक्षक नहीं हैं. सरायरंजन प्रखंड स्थिति उच्च विद्यालय रूपौली में फिजिक्स, बॉटनी, केमेस्ट्री के शिक्षक नहीं हैं. इसी तरह कल्याणपुर प्रखंड स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मोरवारा में जियोलॉजी, केमेस्ट्री व मैथ के शिक्षक नहीं हैं. उच्च माध्यमिक विद्यालय तिसवारा सूर्यपुर में फिजिक्स, शहर के तिरहुत एकेडमी में बॉटनी, केमेस्ट्री के शिक्षक नहीं हैं. उच्च माध्यमिक विद्यालय बाजितपुर करनैल केमेस्ट्री, बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय काशीपुर में फिजिक्स,केमेस्ट्री के शिक्षक नहीं हैं. शहर के आरएसबी इंटर स्कूल में एक यूनिट विषयवार शिक्षक हैं. लेकिन, छात्रों की संख्या को देखते हुए यहां दो यूनिट विषयवार शिक्षकों की जरूरत है. इसका असर परीक्षा के परिणामों पर भी पड़ता है. यह देख कोचिंग की सहायता लेना छात्रों की मजबूरी बन गयी है. सत्र 2023-25 में जिले के विभिन्न प्लस टू विद्यालयों में विज्ञान संकाय में 29,963 विद्यार्थी पंजीकृत हैं. इसमें छात्राओं की संख्या 13059 व छात्र 16904 सम्मिलित हैं. इससे इतर शिक्षा विभाग नीट व जेईई की तैयारी की परख करने के लिए माॅक टेस्ट का आयोजन भी तीन पालियों में कर रहा है. लेकिन माॅक टेस्ट में छात्रों के सम्मिलित होने की संख्या काफी कम है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्कूली बच्चों को निजी ट्यूशन और कोचिंग कक्षाओं से दूर करना चाहती है. नीति में लिखा है कि आज की कोचिंग संस्कृति को प्रोत्साहित करने बजाय बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. एनईपी में बोर्ड की परीक्षाओं को और आसान बनाने की भी बात है ताकि छात्र स्कूल की पढ़ाई के दम पर ही बोर्ड की परीक्षा पास कर सकें. लेकिन जब तक छात्र अनुपात में शिक्षकों की बहाली नहीं होगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना करना बेमानी होगी. शिक्षक ही नहीं हैं तो शिक्षा कौन देगा यह गंभीर विषय है. जब तक शिक्षकों की कमी पूरी नहीं होगी. शिक्षा पटरी पर नहीं लौटेगी. इस विषय पर ही गंभीरता से सोचने के जरूरत है. सरकार की ओर से शिक्षण कार्य को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों की बहाली कि गई. लेकिन इसके बाद भी विद्यालयों में विषयवार शिक्षक नहीं मिल पाये. नतीजा है कि छात्रों को कोचिंग का लेना पड़ रहा है.

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