आचार्य किशोर कुणाल के देहांत की खबर से उनके ससुराल विभूतिपुर में मातम
आईपीएस अधिकारी से लेकर धार्मिक व सामाजिक जीवन के शिखर तक के सफर करने वाले आचार्य किशोर कुणाल के देहांत की खबर से उनके ससुराल विभूतिपुर में भी मातमी सन्नाटा छा गया.
विभूतिपुर. आईपीएस अधिकारी से लेकर धार्मिक व सामाजिक जीवन के शिखर तक के सफर करने वाले आचार्य किशोर कुणाल के देहांत की खबर से उनके ससुराल विभूतिपुर में भी मातमी सन्नाटा छा गया. गांव के अलग अलग दरवाजे पर बैठे बुजुर्ग व नौजवान उनके जीवन से जुड़े कार्यों की चर्चा में ही व्यस्त दिखे. आचार्य जी के चचेरे साला ब्रज कुमार सिंह भुसवर के डाक बाबू के साथ बैठकर उनकी याद साझा कर रहे थे. उनसे बातचीत शुरू होते ही वे सिसक पड़े. उनकी माने तो उनके चाचा तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक यशोदा नंद सिन्हा की पुत्री अनिता का विवाह वर्ष पटना स्थित आवास पर ही हुई थी. आचार्य के ससुर के पिता शत्रुघ्न सिन्हा कॉलेजियट कॉलेज के प्राचार्य पद से रिटायर्ड हुए थे. उन्होंने ही अपना आशियाना पटना में बना रखा था. शादी के बाद मात्र एक बार ही अनीता दीदी जीजा कुणाल जी के साथ अपने मायके कुलदेवता का आशीर्वाद प्राप्त करने गांव आयी थी. उसके बाद दूसरी बार अनिता दीदी अपने पुत्र सयान कुणाल एवं बहु सांसद शाम्भवी के साथ लोस चुनाव के समय विभूतिपुर आयी थी. उस समय कुणाल जी उनलोगों के साथ नहीं आ पाए थे. किशोर कुणाल के चचेरे साले के लड़के अंजनी ने बताया कि छात्र जीवन मे जब वह पटना में रहकर पढ़ाई कर रहे थे तब उनकी मुलाकात फूफा जी से होती थी.
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