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राष्ट्रीय तीर्थ स्थली बाबा अमर सिंह स्थान में उमड़े श्रद्धालु

शाहपुर पटोरी : निषादों की राष्ट्रीय तीर्थ स्थली बाबा अमर सिंह स्थान परिसर में रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 17, 2024 11:11 PM

शाहपुर पटोरी : निषादों की राष्ट्रीय तीर्थ स्थली बाबा अमर सिंह स्थान परिसर में रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. शिउरा मेला को लेकर पटोरी से शिउरा तक छोटी-बड़ी गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही. हर कोई पहले पहुंचकर पूजा-अर्चना करने को तत्पर दिखे. बाबा अमर सिंह के भक्तों ने हजारों लीटर दूध चढ़ाकर पूजा-अर्चना की. मेला की भीड़ देखकर दुकानदार भी उत्साहित दिखे. मेले में होटल सहित विभिन्न तरह के अस्थायी दुकान खोले गये हैं. बुधवार की सुबह से ही मंदिर परिसर में पूजा शुरू हो गई. इस बार मेला का उद्घाटन एसडीओ विकास कुमार पांडेय द्वारा किया गया. मेले में सुरक्षा को लेकर भी पुलिस पदाधिकारी व मेला समिति के सदस्य मुस्तैद दिखे. प्रशासनिक अधिकारी मेला में आने वाले लोगों को कोई कठिनाई नहीं हो इसे लेकर मुस्तैद दिखे. आसपास के गांवों के लोग ढोल-बाजे के साथ कलश यात्रा लेकर मंदिर पहुंच कर पूजा की. कलश यात्रा में कन्याओं ने हिस्सा लिया. ज्ञात हो कि यहां प्रति वर्ष रामनवमी एवं श्रावणी पूर्णिमा के दिन लाखों श्रद्धालु बाबा मंदिर में हजारों लीटर दूध अर्पण करते हैं. मंदिर में कोई प्रतिमा नहीं है. श्रद्धालु मंदिर में बने एक छोटे छेद में हजारों लीटर दूध चढ़ाते हैं. लोगों का मानना है कि यह दूध सीधे पाताल में चला जाता है. यह दूध कहां जाता है इसे जानने के लिए अब तक कई बार प्रयास हुए, परंतु यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है. रामनवमी से एक दिन पूर्व ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिउरा पहुंच जाते हैं. वह सभी पूरी रात कीर्तन-भजन करते हैं. श्रद्धालु मंदिर में दूध अर्पण कर मिट्टी के बने हाथी, घोड़े बाबा को समर्पित करते हैं. जिन श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी होती है वह बाबा के मंदिर में विशेष पूजा करते हैं. बाबा अमरसिंह स्थान में पूजा के बाद फिर 15 किलोमीटर दूर अवस्थित बाबा केवल स्थान जाकर खस्सी की बलि देते हैं. गांव के बुजुर्ग लोग बताते हैं कि बाबा की आराधना से विनाशकारी बाढ़ से मुक्ति मिली थी. बुजुर्गों के अनुसार 16वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में गंगा की विनाशकारी बाढ़ आयी थी. जिसमें बाबा अमर सिंह की कृपा से जलस्तर नीचे खिसक गया. देश के यूपी, हरियाणा, पंजाब, बंगाल असम आदि राज्यों के श्रद्धालुओं यहां ज्यादा संख्या में आते हैं.

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