नवीन प्रथाओं को सीखने में सक्षम बनाने की जरूरत : डा सतपथी
प्रशिक्षण के तीसरे दिन शेखपुरा और भोजपुर के 60 मछलीपालकों और मत्स्य विस्तार अधिकारियों के लिए समस्तीपुर जिले में एकीकृत तालाब आधारित कृषि प्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रदर्शन यात्रा की गई.
पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में बेहतर मत्स्यपालन विषय पर जारी प्रशिक्षण के तीसरे दिन शेखपुरा और भोजपुर के 60 मछलीपालकों और मत्स्य विस्तार अधिकारियों के लिए समस्तीपुर जिले में एकीकृत तालाब आधारित कृषि प्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रदर्शन यात्रा की गई. उन्हें वैज्ञानिक मत्स्यपालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. खासकर उत्पादकता बढ़ाने के लिए मछलियों की कई बार स्टॉकिंग और कई बार कटाई करने की जरूरत है. प्रदर्शन सह क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशालय, आरपीसीएयू, पूसा द्वारा किया गया था. प्रसार शिक्षा उप निदेशक डा विनिता सतपथी ने बताया कि इस यात्रा ने किसानों को सफल मछलीपालकों के साथ बातचीत करने के साथ-साथ कुछ नवीन प्रथाओं को सीखने में सक्षम बनाने की भी जरूरत है. यह यात्रा देखो-जांचो-अपनाओ के सिद्धांत के साथ की गई थी.
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