प्रसंस्करण से फलों व सब्जियों का सेल्फ लाइफ बढ़ाने की जरूरत : डा सतपथी
डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण विषय पर चल रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रमाणपत्र वितरण के साथ सम्पन्न हुआ.
पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण विषय पर चल रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रमाणपत्र वितरण के साथ सम्पन्न हुआ. अध्यक्षता करते हुए प्रसार शिक्षा उप निदेशक प्रशिक्षण डा विनिता सतपथी ने कहा कि फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण से फ्रोजन सब्जियां और ताजे फल जैसी चीजें लंबे समय तक टिकती हैं. उनकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है. फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण से खाद्य घटकों के रूप में उपयोग किये जाने वाले उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण से फलों और सब्जियों का सेल्फ लाइफ बढ़ता है. यह ज्यादा समय तक खराब नहीं होती. प्रसंस्करण के जरिए फलों और सब्जियों का रंग, स्वाद, बनावट और पोषण बरकरार रहता है. कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने से कृषि और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ता है. प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों की आपूर्ति साल भर आसानी से उपलब्ध रहती है. प्रसंस्करण से किसानों को फलों और सब्जियों का सही दाम मिलता है. डा सतपथी ने बताया कि प्रसंस्करण उद्योग में युवाओं को रोजगार मिलता है. फलों और सब्जियों का प्रसंस्करण करते समय, खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने वाले उपकरणों को साफ-सफाई से रखना जरूरी है. वैज्ञानिक डा के प्रसाद एवं टीसीएस ढोली ने प्रतिभागियों को पपीता जैम, पपीता स्क्वैश, अमरूद जेली, टमाटर केचप, टमाटर सॉस, आंवला च्यवनप्राश आदि उत्पादों का व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण में छह जिले से एटीएम, बीटीएम सहित प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया.
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