मोटे अनाज से बच्चों का ऊपरी आहार बनाने की जरूरत : वैज्ञानिक

डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली में चार दिवसीय मोटे अनाज से बच्चों के ऊपरी आहार बनाने विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 10:44 PM

पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली में चार दिवसीय मोटे अनाज से बच्चों के ऊपरी आहार बनाने विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इसमें विलुप्त होते-मोटे अनाज जैसे बाजार जावर मरुआ अन्य सामग्री का उपयोग कर ऊपरी आहार बनाने की प्रक्रिया बताई गई. सभी मोटे अनाज एवं अन्य सामग्री को प्रसंस्करण कर उपयोग किया. ताकि यह सभी की पोषण गुणवत्ता बढ़े. बच्चों को पचाने में भी आसानी मिले. कृषि विज्ञान केंद्र की गृह विज्ञान की विषय वस्तु विशेषज्ञ वर्षा कुमारी ने बताया कि आमतौर पर महिलाएं छोटे बच्चों को छह माह के बाद महंगे पैकेट खाद्य सामग्री देती हैं. जिसका मूल्य बहुत अधिक होता है. लेकिन हम अपने दैनिक उपयोग में उपलब्ध अनाज दाल एवं मोटे अनाज का उपयोग कर उच्च पोषणयुक्त ऊपरी आहार बना सकते हैं. केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रविंद्र तिवारी ने बताया कि देश में बढ़ रहे कुपोषण को हम अपने स्तर से इन ऊपरी आहार का उपयोग कर कमी ला सकते हैं. क्योंकि पांच साल तक के बच्चों में कुपोषण होने की संभावना अधिक होती है. हम घरेलू अनाजों से घरेलू स्तर पर प्रसंस्करण कर कम लागत में ऊपरी आहार बना सकते हैं.

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