पूसा . डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कृषि विपणन में आजीविका के अवसर विषय पर आधारित वर्चुअल मोड में तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण की शुरुआत सोमवार की गयी. पहले दिन 19 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश सहित 55 संस्थानों के 161 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया. ऑनलाइन शामिल स्थानीय केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कृषि विपणन इंटेलिजेंस बाजार को सुदृढ़ बनाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि बिहार के पटना में ई-नाम के राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थित है. जिसके बारे में कृषक को जागरुक करने की जरूरत है. किसानों को एक प्लेटफार्म पर लाने की आवश्यकता है. जिससे जुड़ कर कृषक का विकास होगा. कृषि विपणन मैनेज हैदराबाद के निदेशक डॉ शैलन्द्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये उत्पाद को इस बाजार से जोड़कर सकल घरेलू उत्पाद की दर को बढ़ाया जा सकता है. वहीं स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ मयंक राय ने सेकेंड्री एग्रीकल्चर, सूचना एवं संचार तकनीक से जुड़े अपने विचार रखे. निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एमएस कुंडू ने कहा कि विश्वस्तरीय विपणन में पहले भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत थी जो घटकर आज दो प्रतिशत से भी कम हो गयी है. इस खाई को कृषि विपणन के जरिए दूर किया जा सकता है. अधिष्ठाता डॉ उषा सिंह ने आहार विविधता के माध्यम से पोषण सुरक्षा प्राप्त करने के विषय से जुड़े व्याख्यान दिया. भारतीय कीट नियंत्रण के वरिष्ठ सलाहकार डॉ राकेश कुमार सिंह ने शहरी संरचनात्मक कीट प्रबंधन के विषय नया क्षितिज से जुड़ी अपनी बातों को रखा. इसके अलावा डॉ ऋतंभरा ने विषय से जुड़े व्याखान दिये. इस प्रशिक्षण का आयोजन राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद व भारत सरकार के सहयोग से किया गया है. संचालन डॉ सुधानंद प्रसाद लाल व धन्यवाद ज्ञापन डॉ सत्य प्रकाश ने किया.
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