खेती से जुड़ी समस्याओं पर कार्य करने की जरूरत : कुलपति

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित विद्यापति सभागार में सोलहवीं अनुसंधान परिषद की बैठक सोमवार से शुरू हुई. यह दो दिनों तक चलेगा. शुरूआत कुलपति व अन्य अतिथियों ने दीप जलाकर किया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 11:05 PM

पूसा : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित विद्यापति सभागार में सोलहवीं अनुसंधान परिषद की बैठक सोमवार से शुरू हुई. यह दो दिनों तक चलेगा. शुरूआत कुलपति व अन्य अतिथियों ने दीप जलाकर किया. संबोधित करते हुए कुलपति डॉ पीएस पाण्डेय ने कहा कि दो दिनों के इस विशेष बैठक के दौरान 57 अनुसंधान परियोजनाओं व कृषि के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न आयाम पर विस्तृत चर्चा की जायेगी. इसमें शामिल वाह्य विशेषज्ञ अनुसंधान के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को किसानों की खेती में आने वाली समस्याओं में से किसी एक का चयन कर उसे दूर करने के लिए शोध परियोजना को प्रस्तुत करना चाहिए. आज के समय में जलवायु परिवर्तन किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है. इसका असर कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक कृषि वैज्ञानिक किसानों के फसलों से जुड़े एक समस्या को दूर करने की दिशा में शोध कार्य करें तो कृषि के क्षेत्र में नयी क्रांति लायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को महसूस करना चाहिए कि सरकार जनता के पैसे को कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में दे रही है. इसका फायदा कृषक को होना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्र के चरित्र निर्माण में आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए. इससे अन्य कनीय को भी प्रेरणा मिल सके. कृषि विवि बैंगलुरु के पूर्व निदेशक अनुसंधान डॉ एनआर गंगाधरप्पा ने कहा कि विवि में शोध के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रहा है. जिसका परिणाम 11 पेटेंट व एक जीआई टैग मिलना है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की ओर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौती जल संकट व जलवायु परिवर्तन से जुड़े विषयों पर वैज्ञानिकों बेहतर कार्य करने की जरूरत है. केन्द्रीय कृषि विवि झांसी के निदेशक अनुसंधान डॉ एसके चतुर्वेदी ने कहा कि वैज्ञानिकों के पास एक अनुसंधान परियोजना का होना विवि की अच्छी पहल है. जिससे विवि में अनुसंधान की अच्छा वातावरण का निर्माण होता है. आइसीएआर पटना के मुख्य वैज्ञानिक डॉ नरेश चन्द्रा ने कहा कि अनुसंधान के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तकनीक का मूल्य कम हो. ताकि किसान आसानी से खरीद सकें. निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय से जुड़ी अपनी बातों को रखा. संचालन डॉ सुनीता कुमारी मीणा ने किया. निदेशक बीज डॉ डीके रॉय, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एमएस कुंडू, निदेशक शिक्षा डॉ उमाकांत बेहरा, स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ मयंक राय, अधिष्ठाता डॉ अंवरीश कुमार, डॉ उषा सिंह, डॉ. अमरेश चन्द्रा, डॉ पीपी श्रीवास्तव, डॉ. एसके ठाकुर, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ आरके तिवारी, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ राकेश मणि शर्मा, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version