नयी शिक्षा नीति छात्रहित में केंद्रित : कुलपति

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के पंचतंत्र भवन में मैसिव ओपन आन लाइन कोर्स व ब्लेंडेड लर्निंग के कार्यान्वयन विषय पर कार्यशाला हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 12:38 AM

यस्टडी वेब्स एकटिव लर्निंग यंग इंस्पायरिंग मा़इंडस व ब्लेंडेड लर्निंग समय की मांग पूसा : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के पंचतंत्र भवन में मैसिव ओपन आन लाइन कोर्स व ब्लेंडेड लर्निंग के कार्यान्वयन विषय पर कार्यशाला हुई. इसमें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर व सबौर कृषि विश्वविद्यालय सहित पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के प्रतिनिधियों ने भाग लिये. कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि नयी शिक्षा नीति छात्रहित में केंद्रित है. यह शिक्षा सभी के लिए सुगम बनाती है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन माध्यम के शिक्षा के लिए यस्टडी वेब्स एकटिव लर्निंग यंग इंस्पायरिंग मा़इंडस व ब्लेंडेड लर्निंग आज के समय की मांग है. जिसे पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को हर तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के महत्व को देखते हुए चार दूसरे विश्वविद्यालय ने भी अपने शिक्षकों को कार्यशाला में भेजा है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि यहां से जाने के बाद वे सब अपने विश्वविद्यालय के तकनीकी विकास में योगदान देंगे. कार्यशाला में उपस्थित हैदराबाद नार्म हैदराबाद के डॉ जीआर रामकृष्ण मूर्ति ने कहा कि कुलपति डॉ पांडेय जब सहायक महानिदेशक थे, तो उन्हीं के कार्यकाल में हैदराबाद में ऑनलाइन कोर्स पर काफी अच्छा कार्य हुआ था. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस विश्वविद्यालय में भी नये नये तकनीकों को शिक्षा के माध्यम के रूप में जल्द ही अपनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को आन लाइन माध्यम से शिक्षा देने के लिए नये तकनीक अपनाने की जरूरत है. शहीब शंकर दास ने कहा कि विश्वविद्यालय में डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहा है जो देशभर के विश्वविद्यालय के लिए प्रेरित करने वाला है. उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा में भी इसी तेजी से डिजिटल माध्यम को अपनाया जायेगा. निदेशक शिक्षा डॉ उमाकांत बेहरा ने नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालय में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी. कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय में नये बदलाव देखने को मिलेंगे. स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ मयंक राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने यूजीसी के विभिन्न नियमों व अन्य पहलुओं के बारे में भी चर्चा की. कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह, डीन बेसिक साइंस डॉ अमरेश चंद्रा, डीन इंजीनियरिंग डॉ अम्बरीष कुमार, डीन कम्युनिटी साइंस डॉ उषा सिंह, डॉ प्रणव कुमार, डॉ जितेन्द्र कुमार, डॉ कुमार राज्यवर्धन, डॉ महेश कुमार, डॉ नीलांजय कुमार आदि उपस्थित थे.

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