आठ दिन बाद भी गायब डाककर्मी का नहीं मिला कोई सुराग

थाना क्षेत्र की टारा पंचायत अंतर्गत टारा डाक घर के एबीपीएम रमेश कुमार राय आठ दिन पूर्व कल्याणपुर कार्यालय आने के बाद से गायब हैं. जिसका अता पता नहीं चल पाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 11:04 PM

कल्याणपुर : थाना क्षेत्र की टारा पंचायत अंतर्गत टारा डाक घर के एबीपीएम रमेश कुमार राय आठ दिन पूर्व कल्याणपुर कार्यालय आने के बाद से गायब हैं. जिसका अता पता नहीं चल पाया है. पुलिस इतना कहकर पीछा छुड़ा रही है कि अभी कोई सुराग नहीं मिल सका है. गायब रमेश की पत्नी टारा गांव निवासी वार्ड सदस्य नीलम देवी ने कल्याणपुर थाना में आवेदन देकर पति के गुमशुदगी का आवेदन दिया था. लेकिन, अब उसके मन में अनहोनी की आशंका हो रही है. पिछले आठ दिन बीत जाने के बावजूद भी उसका कोई अता-पता नहीं चल पाया है. जिसको लेकर परिजन चिंता में डूबे हुये हैं. वहीं इतना समय बीतने के बावजूद पुलिस की संजीदगी का पता इसी बात से लगता हैं कि पुलिस अभी तक कोई भी सुराग नहीं मिलने की बात कही है. नम आंखों से बताती है कि एसपी, डीएसपी व थाना अध्यक्ष को आवेदन एक सप्ताह पूर्व दिया गया है. सिर्फ एक दिन जिला स्तरीय टीम घर पहुंची है. लेकिन पुलिस के प्रयास को ना काफी बताते हुए असंतोष प्रकट करते हुए बताया एक दिन बाद वह एसपी से मिलने जरूर जाएगी. मिलकर ही लौटेगी. उस दिन केवल आवेदन एसपी कार्यालय में देने की बात कही. लेकिन, एसपी से मुलाकात नहीं होने की जानकारी दी.अब एसपी से मुलाकात कर के ही लौटने की बात कही. एसपी पर न्याय का भरोसा जतायी है. मामले में पूछे जाने पर बताया कि वैसे मेरे पति से किसी का कोई विवाद नहीं है लेकिन पति के छोटे भाई रत्नेश कुमार से घर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, जिसको लेकर कई बार हिंसक झड़प होने की बात भी कही है. अपने पूरे परिवार का एक मात्र सहारा है रमेश

रमेश के गायब होने के साथ पांच परिजनों को निवाले की चिंता सताने लगी है. रमेश की पचहत्तर वर्षीय मां देववती देवी, पत्नी नीलम देवी के साथ-साथ दो पुत्री व एक पुत्र है. जिन सभी के भरण पोषण की जिम्मेदारी रमेश पर ही थी. ऐसे में अचानक गायब हो जाने से अनहोनी की आशंका को देखकर परिजन सिहर जाते हैं. बताते हैं कि बिना पिता के तीनों बच्चे व मां, पत्नी सभी मझधार में ही है. कैसे जीवन यापन हो पायेगा. इस बात की भी चिंता सता रही है. खासकर बच्चों की पढ़ाई की चिंता तो सर्वोपरि है.

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