समस्तीपुर : जिले में अबतक एक भी बालू घाट को संचालित नहीं किया जा सका है. इसको लेकर खान एवं भूततत्व विभाग के सचिव ने नाराजगी जतायी है. कहा है कि यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. जिले में फिलवक्त आठ बालू घाट कल्स्टर चिंहित किये गये हैं. इसमें दो की नीलामी हुई है. एक बालू अबतक संचालित नहीं है. छह बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है. विभाग के सचिव ने कहा है कि अवैध रूप बालू खनन को रोकने के लिए और सरकार को राजस्व प्राप्ति हो इसके लिए बालू घाटों की नीलामी आवश्यक है. विदित हो जिले से होकर गंगा, बूढ़ी गंडक, बागमती सहित कई छोटी बड़ी नदियां गुजरती है. अवैध रूप से बालू उत्खनन का काम वर्षों से चल रहा है. अवैध रूप से बालू खनन होने से नदियों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. वहीं बालू माफिया मालोमाल हो रहे हैं. सरकार को इससे राजस्व की प्राप्ति भी नहीं हो पा रही है. अवैध खनन के विरुद्ध छापेमारी कर खानापूरी की जा रही है. जिले में अवैध खनन का कारोबार बदस्तुर जारी है. जिला खनन विभाग के द्वारा यदाकदा छापेमारी कर अवैध खनन में लगे जेसीबी व ट्रैक्टर को जब्त किया जाता रहा है, लेकिन अवैध कारोबारी मानने को तैयार नहीं है. नदियों से बालू की कटाई के साथ-साथ मिट्टी की भी अवैध रूप से खूब कटाई व ढुलाई का काम होता है. बालू व मिट्टी की कटाई में नियम की भी अनदेखी हो रही है. वहीं सरकार को निर्धारित कर व राजस्व भी प्राप्त नहीं होता है. अवैध रूप से बालू की कटाई को लेकर आये दिनों माफियों के बीच संघर्ष होते रहता है. तनाव पूर्ण स्थिति बनी रहती है. वहीं नदियों में बालू की अवैध कटाई गलत ढंग से होने के कारण बाढ़ के समय नदियों में कटाव की समस्या भी उत्पन्न होती है. इस बाबत जिला खनन पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी गयी, उनसे संपर्क नहीं हो सका है. सचिव को दिये गये रिपोर्ट के मुताबिक जिले के आठ बालू घाटों का जिला खनन पदाधिकारी के द्वारा निरीक्षण किया गया है. वहीं बचे हुए छह गैर नीलामित घाटों की नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है.
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