समस्तीपुर : सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ होने वाली वीसी का समय बादल दिया गया है. अब वीसी 11.30 बजे के बाद होगी. पहले वीसी का समय दोपहर एक बजे के बाद निर्धारित था. इस नये निर्देशों के बाद शिक्षकों को 12 बजे तक विद्यालय में रहना होगा. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि गर्मी को लेकर 8 जून तक सभी विद्यालय को बंद कर दिया गया है. इस दौरान विद्यालयों में शिक्षण कार्य और मिशन दक्ष बंद है. इस दौरान प्रधानाध्यापक सहित शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य यथा बच्चों का एडमिशन, ई-शिक्षा कोष पर बच्चों की इंट्री, विद्यालय में असैनिक कार्य, जिन बच्चों का आधार नहीं बना है उनका आधार बनवाने का कार्य इत्यादि करेंगे. जिले में संचालित सरकारी स्कूलों की जांच अभियान से पठन-पाठन की व्यवस्था में परिवर्तन हो रहा है. पहले की तुलना में विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति भी बेहतर हुई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिलाधिकारी द्वारा इसकी नियमित मॉनिटरिंग करते हुए समीक्षा भी की जा रही है. शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मी भी स्कूलों की जांच के लिए प्रतिदिन निकल रहे हैं. स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था के बदलाव एवं सुधार के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. स्कूलों की जांच के दौरान स्कूल के आधारभूत संरचना के बारे में भी जानकारी ली जा रही है. स्कूल में व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए सभी को निर्देशित किया गया है. साफ-सफाई,स्वच्छता, शौचालय और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था बेहतर करने के लिए सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. इसकी अनदेखी करने पर कार्रवाई भी की जाती है. इधर, डीईओ ने कहा है कि विद्यालय का निरीक्षण के दौरान गहनता से गुणवत्तापूर्ण जांच होना आवश्यक है. जब विद्यालय जायें तब विद्यालय की संपूर्णता से जांच करें यथा सिर्फ शिक्षक उपस्थिति देखकर न आयें, बल्कि विद्यालय में शौचालय, पेय जल, बिजली की सुविधा, पंखा, फर्नीचर, मध्याह्न भोजन, आधारभूत संरचना का निर्माण, कबाड़ का भंडार, प्रयोगशाला के सुचारू रूप से संचालित होना, पुस्तकालय, पाठटीका का निर्माण आदि सभी व्यवस्थित है कि नहीं. यदि नहीं तो संबंधित जांच कर्मी / पदाधिकारी संबंधित प्रधानाध्यापक / संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी / संबंधित कनीय अभियंता / संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) से सम्पर्क कर उक्त कार्य को पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे. यदि डीईओ एवं विभागीय जांच के क्रम में किसी तरह की कमी पाई जाती है तो संबंधित जांच पदाधिकारी पूर्ण रूप से जिम्मेवार होंगे एवं कार्रवाई के पात्र होंगे.
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