22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चुनावी दौरे पर आने वाले मंत्रियों की आगुवानी नहीं करेंगे अधिकारी

चुनाव आयोग के द्वारा निष्पक्ष व स्वतंत्र मतदान को लेकर कई बंदिशें लागू की गयी है. ये बंदिशें आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों पर भी सामान रूप से लागू है.

समस्तीपुर : चुनाव आयोग के द्वारा निष्पक्ष व स्वतंत्र मतदान को लेकर कई बंदिशें लागू की गयी है. ये बंदिशें आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों पर भी सामान रूप से लागू है. सभी को समान अवसर सुनिश्चित करने के लिये निर्वाचन आयोग ने मंत्रियों के दौरों पर कई तरह के रोक भी लगा रखा है. जिसका अनुपालन करना अनिवार्य है. जिले के और लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करने वाले मंत्रियों की अगुवायी राज्य सरकार व जिला प्रशासन के अधिकारी मंत्रियों के प्रोटोकॉल के तहत नहीं करेंगे.उन्हें विदा करने नहीं जायेंगे. हालांकि आयोग ने प्रधानमंत्री के दौरे के मामले में यह अपवाद किया है. प्रधानमंत्री के दौरे पर सभी रैंक के अधिकारियों, पुलिस महानिदेशक व जिलाधिकारी तक को सुरक्षा संबंधी इंतजाम देखने के लिये उपस्थित रहने की अनुमति आयोग के द्वारा दी गयी है. आयोग ने कहा है कि निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने वाले मंत्री, अध्यक्ष और सरकारी निकायों के निदेशकों के लिये सरकारी वाहन की व्यवस्था नहीं की जायेगी.उन्हें राज्य का अतिथि घोषित नहीं किया जाना चाहिये. उन्हें जिला स्तर पर अधिकारी की बैठक नहीं बुलानी है.उन्हें किसी सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करना है. अपने दौरे पर किसी वैयक्तिक स्टॉफ को अपने साथ ले जा सकते हैं.राज्य सरकार का कोई भी मंत्री निर्वाचनों की घोषणा के बाद से निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक ऐसे किसी निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं करेंगे, जहां निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा की जा चुकी है. यदि कोई केन्द्रीय मंत्री अपने मुख्यालय से निर्वाचन वाले जिले का पूर्णतया सरकारी कार्य से दौरा कर रहे,जिसे जनहित में टाला नहीं जा सकता हो,तो इस आशय को प्रमाणित करने वाला एक पत्र भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय व विभाग के सचिव द्वारा उस राज्य के मुख्य सचिव को भेजा जायेगा, जिस राज्य में उक्त मंत्री का दौरा होना है. इसके साथ उसकी एक प्रति निर्वाचन आयोग को भी दी जायेगी.सचिव से ऐसी जानकारी मिलने कि केन्द्रीय मंत्री द्वारा पूर्णतया सरकारी दौरा करने का प्रस्ताव है, उक्त दौरे के दौरान कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं होगी, तो मुख्य सचिव, केन्द्रीय मंत्री के लिये सरकारी वाहन और आवास की व्यवस्था कर सकेंगे. केन्द्रीय गृह मंत्री अपने गृह राज्यों और विशेषकर उस निर्वाचन क्षेत्र में सरकारी दौरे से बचेंगे जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं. मंत्री निर्वाचन कार्य के साथ-साथ सरकारी दौरे नहीं करेंगे. प्रचार अभियान के दौरान सरकारी अथवा निजी तंत्र का इस्तेमाल नहीं करेंगे.मंत्रीगण अपने सरकारी वाहनों का उपयोग अपने मुख्यालय से निवास स्थान तक सरकारी कार्य हेतु आने जाने के लिये कर सकते हैं.आदर्श आचार संहिता के दौरान मुख्यमंत्री भी जिले के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग नहीं करेंगे.निर्वाचन के दौरे पर आये मंत्रियों के लिये सरकारी अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में ठहरने की व्यवस्था नहीं की जायेगी. यह सांसदों, विधायकों तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के लिये भी सामान रूप से प्रतिबंधित है.मंत्रियों तथा अन्य राजनीतिक दलों पदाधिकारियों जिन्हें जेड या जेड प्लस श्रेणी या उसके समकक्ष सुरक्षा प्रदान की गयी है, उन्हें इस प्रतिबंध से छूट दी गयी है. उनकी सुरक्षा व्यवस्था के जरूरी होने पर सरकारी अतिथि गृहों में ठहर सकेंगे. अपरिहार्य सरकारी दौरे पर आने वाले मंत्रियों के लिये सरकारी अतिथि गृहों में ठहरने की व्यवस्था होगी, लेकिन शर्त है कि काम पूरा के होने के तुरंत बाद उन्हें मुख्यालय लौटना होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें