नाले का निर्माण हुआ नहीं, उड़ाही पर खर्च हो गये एक करोड़

मोरवा प्रखंड क्षेत्र की अधिकांश पंचायत में मनरेगा के तहत दर्जनों नाला उड़ाही की योजना संचालित की गयी. इस पर एक करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की गई, लेकिन हकीकत है कि कभी नाला का निर्माण हुआ ही नहीं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2024 11:07 PM

मोरवा : मोरवा प्रखंड क्षेत्र की अधिकांश पंचायत में मनरेगा के तहत दर्जनों नाला उड़ाही की योजना संचालित की गयी. इस पर एक करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की गई, लेकिन हकीकत है कि कभी नाला का निर्माण हुआ ही नहीं. बताया जाता है कि नाला निर्माण के नहीं होने के बावजूद हर साल इसकी उड़ाही होती रही और तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता और मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी इसमें लगे रहे. सारा प्रशासनिक महकमा वैसे नाले की उड़ाही में लगा रहा, जिसका कभी निर्माण हुआ ही नहीं था.

मामले की पोल तब खुली, जब पहले ही बरसात में लोगों के घर में पानी घुसने लगा. सड़कों और गली मोहल्लों में भीषण जल जमाव हो गया. लोगों के द्वारा बताया गया कि सड़क निर्माण के दौरान बगल में मिट्टी काटकर जो गड्ढा बना था, उसे ही नाला का रूप देकर योजनाएं पूरी कर दी गयी. एक ही, नाला पर बार-बार उड़ाही के नाम पर राशि की निकासी होती रही. लेकिन, अधिकारियों का ध्यान इस तरफ नहीं गया. प्रखंड क्षेत्र की अधिकांश पंचायत में नाला उड़ाही को लेकर कर्मियों के द्वारा जोर दिया गया और प्रतिनिधियों में नाले की साफ-सफाई को लेकर होड़ मची रही. लोगों ने नाला उड़ाही के नाम पर खजाने से पैसे की निकासी होती रही. लेकिन, जब नाले की खोजबीन शुरू हुई तो जमीन पर नाले का नामोनिशान नहीं मिला.

कुछ मनरेगा कर्मियों का ही कहना है कि नाला का निर्माण विगत 10 सालों में नहीं हुआ है. इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है. लेकिन, इसके उड़ाही को लेकर अब तक दो दर्जन से ज्यादा योजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिस पर एक करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च कर दिये गये हैं.

इस बाबत जब अधिकारियों से पूछताछ की गई, तो अधिकारी बगले झांकने लगे और एक दूसरे पर गड़बड़ी का ठीकरा फोड़ने लगे. लोगों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा अधिकारियों को विश्वास में लेकर ऐसे काम किये गये. लेकिन, अधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा भी हकीकत को ताक पर रखा गया और नाले के बदले गड्ढे की उड़ाही दिखाकर राशि की निकासी कर ली गयी. ग्रामीण गणेश प्रसाद शर्मा, राजेश्वर शर्मा,प्रदीप कुमार आदि ने बताया कि पूरे क्षेत्र में कमोबेश यही दशा है जिसके कारण जलजमाव लोगों को फिर परेशान कर सकता है. बताया जाता है कि मोरवा दक्षिणी ,मोरवा उत्तरी ,निकसपुर, इंद्रवारा ,ररियाहीन, लड़ुआ, बनबीरा, सारंगपुर समेत दर्जन भर पंचायत में यह खेल देखने को मिला है. अब जब लोगों के घर में पानी घुसने लगा तो लोगों को नाले की याद आयी. जब इस बाबत खोजबीन शुरू की गई, तो जिस गड्ढे को नाला बनाकर उड़ाही की गयी थी, उस गड्ढे में कचरा और गंदगी बजबजा रहे है. लोग भौचक रह गये कि जल निकासी के लिए विभाग के द्वारा इतनी बड़ी राशि की निकासी कर ली गयी और अधिकारी चुपचाप देखते रहे.

बताते चलें कि विगत पांच सालों में मनरेगा के तहत प्रखंड क्षेत्र में पक्का निर्माण की जगह मिट्टीकरण पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया. बड़े पैमाने पर इसको लेकर योजनाएं संचालित की गई. लेकिन, सड़क के गड्ढे को नाला बनाकर उसे पर इतनी बड़ी राशि की निकासी कर लेना लोगों के समझ के परे नजर आ रहा है.

नाला की उड़ाही के नाम पर कई योजना संचालित की गई थी. लेकिन, उन्हें नहीं मालूम की नाले का निर्माण कब हुआ था. पीटीए के द्वारा सारी प्रक्रिया पूरी की गई थी. इसमें गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है. पूरे मामले की छानबीन की जाएगी और संबंधित पीटीए और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

रंजीत कुमार,मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी

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