समस्तीपुर : जिले के सरकारी विद्यालयों में नामांकन लेकर निजी विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को चिन्हित किया जा रहा है. ये छात्र- छात्राएं सरकार द्वारा संचालित लाभुक आधारित योजना का लाभ भी उठा रहे हैं. अब तक तीन दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं को ई-शिक्षा कोष साफ्टवेयर ने पकड़ा भी है. विदित हो कि शिक्षा विभाग द्वारा जिला अंतर्गत संचालित सरकारी विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की तरह ही जिले के सभी प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं का विवरण ई शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. शिक्षा विभाग के प्रशासी पदाधिकारी ने डीईओ को निर्देश जारी करते हुए 27 जुलाई तक जिला अंतर्गत संचालित सभी प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं का विवरण अपलोड करने का निर्देश दिया है. इसकी लगातार माॅनिटरिंग मुख्यालय स्तर से करते हुए समीक्षा भी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक जिले के 517 प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालय में से 70 ने डाटा अपलोड करने कि प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन निजी विद्यालयों में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,09,779 छात्र-छात्राएं नामांकित थे. इन छात्र छात्राओं में से 83,852 का आधार कार्ड विद्यालय ने प्राप्त कर लिया है. लेकिन ई शिक्षा कोष पर 4248 छात्रों का ही डाटा आधार के साथ अपलोड किया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार निजी विद्यालयों में नामांकित जिन छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड उपलब्ध है उन सभी छात्र- छात्राओं का विवरण विद्यालय स्तर पर ई शिक्षा कोष पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. निजी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं में जिन बच्चों का अब तक आधार कार्ड नहीं बन सका उन छात्र-छात्राओं का सभी प्रखंडों संचालित आधार केंद्र पर निजी विद्यालयों का विवरण उपलब्ध कराते हुए आधार कार्ड बनाने का निर्देश दिया है.
संसाधनों की नहीं हुई जांच
शिक्षा विभाग के निर्देश के छह माह बाद भी निजी स्कूलों में संसाधनों की जांच शुरू तक नहीं हो पायी है. शिक्षा विभाग ने जिले के सभी डीपीओ व डीईओ को सरकारी स्कूल की तर्ज पर सप्ताह में तीन दिन निजी स्कूल की जांच करने के निर्देश दिये थे. निजी स्कूल के अभिभावक द्बारा अपने मन के अनुसार फीस बढ़ाने वाले स्कूलों की शिकायत और अन्य बातों को लेकर अपर सचिव ने यह निर्देश मार्च में जारी किये थे. शिक्षा विभाग के पोर्टल पर बिना पंजीयन के चल रहे निजी स्कूलों पर निरीक्षण के दौरान नकेल कसी जायेगी. वहीं निरीक्षण के दौरान अगर किसी भी निजी स्कूल का पंजीयन शिक्षा विभाग में नहीं हुआ है, तो ऐसे स्कूलों को चिह्नित करते हुए उसे सील करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. साथ ही निजी स्कूल प्रबंधन पर शिक्षा विभाग द्वारा तय की गयी राशि के अनुसार जुर्माना भी लगाया जायेगा. जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले में करीब 551 ऐसे स्कूल हैं, जो रजिस्टर्ड हैं. शेष बिना पंजीयन के ही संचालित किये जा रहे हैं. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि फिलहाल प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रखंड अंतर्गत मौजूद स्कूलों के जांच के निर्देश दिये गये हैं. लेकिन अब निरीक्षण कर्मी भी स्कूलों की जांच करेंगे. शिक्षा विभाग के द्वारा निजी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर 15 तरह के काॅलम बनाकर एक फार्मेट जारी किया गया है. इसके तहत ही सभी जानकारियां निजी स्कूल से निरीक्षण कर्मी को लेनी होंगी. फार्मेंट के अनुसार निरीक्षण कर्मी निजी स्कूल से आरटीई के तहत नामांकन लेने वाले बच्चों की जानकारी, यू-डायस कोड, ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीयन, कुल शिक्षक और कर्मी की संख्या, स्कूल की ओर से संचालित किए जाने वाले वाहनों का पंजीयन, वाहन के मानक, वाहन चालक की संख्या, स्कूल परिसर का क्षेत्र, अग्नि सुरक्षा, पानी की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था की जांच करेंगे. जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है